बजट में हेल्थकेयर इंडस्ट्री चाहती है प्राथमिकता क्षेत्र का दर्जा , तीन प्रतिशत जीडीपी आवंटन की मांग

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र बजट Budget में खुद के लिए प्राथमिकता क्षेत्र का दर्जा चाहता है. इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा (Health Services) क्षेत्र को उम्मीद है कि इस बार बजट में क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का तीन प्रतिशत किया जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
अपोलो हॉस्पिटल्स की संयुक्त प्रबंध संगीता रेड्डी ने कहा महामारी से भारत की क्षमता सामने आई है.
नई दिल्ली:

स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र बजट (Budget) में खुद के लिए प्राथमिकता क्षेत्र का दर्जा चाहता है. इसके अलावा स्वास्थ्य सेवा (Health Services) क्षेत्र को उम्मीद है कि इस बार बजट में क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाकर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) का तीन प्रतिशत किया जाएगा. निजी क्षेत्र की प्रमुख स्वास्थ्य सेवा कंपनियों ने कहा है कि सरकार को बजट में कर प्रोत्साहन को जारी रखने, छोटे शहरों में चिकित्सा सुविधाओं के उन्नयन और श्रमबल का कुशल बनाने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

फोर्टिस हेल्थकेयर के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशुतोष रघुवंशी ने कहा, ‘‘सरकार ने 2021 के बजट में स्वास्थ्य और जीवन को पहले छह स्तंभों में रखा था. 2022 में भी इसे जारी रखा जाना चाहिए. स्वास्थ्य सेवा ढांचे के लिए आवंटन बढ़ाया जाना चाहिए. दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में स्वास्थ्य सेवाओं में जांच केंद्रों, वेंटिलेंटर, आईसीयू, क्रिटिकल केयर सुविधाएं और ऑक्सीजन संयंत्र लगाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए.''

Budget 2022 Road Transport Sector : रोड ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बजट में विशिष्ट दर्जा देने और टीडीएस खत्म करने की मांग

उन्होंने कहा कि रोग-निरोधक स्वास्थ्य, जांच और परीक्षण के लिए राष्ट्रीय अभियान चलाने को तत्काल एक अलग बजट आवंटन की जरूरत है. रघुवंशी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा को प्राथमिकता क्षेत्र का दर्जा मिलना चाहिए.

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की कार्यकारी वाइस चेयरमैन प्रीता रेड्डी ने कहा कि तात्कालिक आधार पर स्वास्थ्य पर सार्वजनिक खर्च को बढ़ाकर जीडीपी का तीन प्रतिशत किया जाना चाहिए. इसके अलावा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए जिससे ढांचे और संसाधनों में अंतर को पाटा जा सके. इसके साथ ही डिजिटल प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी जोर देने की जरूरत है.

अपोलो हॉस्पिटल्स ग्रुप की संयुक्त प्रबंध निदेशक संगीता रेड्डी ने कहा कि महामारी से भारत की क्षमता सामने आई है. भारत दवाओं और टीकों के शोध एवं विकास (आरएंडडी) का वैश्विक केंद्र बन सकता है. उन्होंने शोध एवं विकास के लिए कर प्रोत्साहनों की मांग की.

Advertisement

Budget 2022 : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से इस बार क्या उम्मीदें रख रहे हैं एक्सपोर्टर?

एशिया हेल्थकेयर होल्डिंग्स के कार्यकारी चेयरमैन विशाल बाली ने कहा कि महामारी की कई लहरों से भारत के स्वास्थ्य ढांचे में आपूर्ति, लोगों और प्रौद्योगिकी में मांग-आपूर्ति में अंतर उजागर हुआ है. उन्होंने कहा कि बजट-2022 में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए आवंटन बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए और साथ ही इस अंतर को पाटने के लिए भी कदम उठाने की जरूरत है.

वीनस रेमेडीज के अध्यक्ष (ग्लोबल क्रिटिकल केयर) सारांश चौधरी ने कहा कि फार्मा कंपनियों द्वारा शोध एवं विकास के लिए खरीदी जाने वाली सामग्रियों पर सीमा शुल्क और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की छूट दी जानी चाहिए.

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
US Elections: भारत के मामलों में Kamala Harris ज्यादा दखल देंगी या Donald Trump? | Khabron Ki Khabar
Topics mentioned in this article