यूक्रेन से लौट रहे भारतीय छात्रों की आगे की स्‍टडी कैसे सुनिश्चित करेंगे, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय ने दिया यह जवाब...

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि हम विदेश मंत्रालय से संपर्क में काम कर रहे हैं.

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स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, हम विदेश मंत्रालय से संपर्क में काम कर रहे हैं
नई दिल्‍ली:

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा है कि युद्धग्रस्‍त यू्क्रेन से भारत वापस लौट रहे स्‍टूडेंट्स की आगे की स्‍टडी के बारे में जैसी भी सिचुएशन होंगी, उसके मुता‍बिक निर्णय लिया जाएगा. ये मुश्किल भरा समय है. गुरुवार को मीडिया ब्रीफिंग के दौरान अग्रवाल ने यह बात उस सवाल के जवाब में कही जिसमें उनसे पूछा गया था कि जो यूक्रेन से भारतीय स्टूडेंट्स आ रहे हैं, उनकी आगे की स्टडी कैसे सुनिश्चित की जाएगी और क्या सरकार इस बारे में कुछ प्लान कर रही है?. उन्‍होंने कहा कि हम विदेश मंत्रालय से संपर्क में काम कर रहे हैं.  छात्रों के लिए देश वापसी पर नियमों में ढील दी गई. आगे भी स्थिति के हिसाब से उनके लिए फैसला लिया जाएगा. हमें इस बात को समझना होगा कि स्थिति चिंताजनक हैं. सम्बंधित डिवीज़न इस पर नज़र बनाए हुए हैं. 

गौरतलब है कि रूसी सेना के यूक्रेन पर हमले के बीच वहां अब भी सैकड़ों भारतीय फंसे हुए हैं. भारत सरकार की ओर से वहां फंसे भारतीयों को निकालने के लिए प्रयास अब भी जारी है. विदेशी मामलों पर संसदीय परामर्श समिति की बैठक में भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने की प्राथमिकता पर ज़ोर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक़, बैठक में विपक्षी पार्टियों के सांसद सदस्यों ने यूक्रेन संकट पर सरकार के स्टैंड पर अपनी सहमति जताई है. बैठक में भारतीय छात्रों को सुरक्षित वापस लाने की बात दोहराई गई है. 

कोरोना महामारी को लेकर संयुक्‍त सचिव अग्रवाल ने कहा कि विश्व मे औसत एक हफ्ते से रोज़ 15 लाख से ज्यादा केस आ रहे. एक्टिव केस विश्व में 6,18,12,031 हैं जबकि  42.3 लाख केस एक दिन में 19 जनवरी के दिन विश्‍व में आए थे. उन्‍होंने कहा कि   दो हफ्ते में विश्व मे केस कम हुए हैं, जर्मनी में सबसे ज्यादा केस, उसके बाद रूस फिर साउथ कोरिया में केस हैं.  साउथ कोरिया में केस बढ़ रहे हैं, इसके अलावा वियतनाम, मलेशिया, हांगकांग, थाईलैंड और न्यूज़ीलैंड में मामले बढ़ रहे हैं. 19 से 25 जनवरी में रोजाना औसत 34,26,369 थे जबकि अब 23 फरवरी से 1 मार्च तक रोजाना औसत मामले 15,17,418 हैं. भारत का उल्‍लेख करते हुए उन्‍होंने कहा कि देश में 55.7 % मामले में कमी आई है. इसके अलावाडेथ रेट में भारत मे 76.6% कमी आयी है जबकि विश्व में यह 22.8% है यानी भारत में हालात बेहतर हैं.  

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