हाथरस वाले भोले बाबा का माया जाल: ये कोई महल नहीं, भोले बाबा का आश्रम है, इसके अंदर का हर रहस्य जानिए 

हाथरस में जिस बाबा के सत्संग में मची भगदड़ के दौरान 123 लोगों की जान गई थी, वो करोड़ों का मालिक है. उसके नाम कई बीघा जमीन और दर्जनों लग्जरी गाड़ियों का कलेक्शन भी है.

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भोले बाबा के पास 100 करोड़ से ज्यादा की है संपत्ति, कई जिलों में है आश्रम
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में कई आश्रम, 100 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति, दर्जनों लग्जरी गाड़ियों का काफिला, ये सारी संपत्ति उसी 'भोले बाबा' की है जिसके हाथरस के सत्संग में 123 लोगों की जान गई है. 'भोले बाबा' का मैनपुरी स्थित आश्रम का एक ड्रोन शॉर्ट्स भी सामने आया है. इसे देखकर तो लग रहा है कि यह आश्रम किसी 5 सितारा होटल से कम नहीं है. NDTV ने 'भोले बाबा' के इस आश्रम की ड्रोन से तस्वीर भी ली है. कहा जा रहा है कि हाथरस में मची भगदड़ के बाद बाबा इसी आश्रम में  आया था. बाबा के अनुयायियों का कहना है कि बाबा अभी भी इसी आश्रम में हैं. हालांकि पुलिस इन दावों का खंडन कर रह रही है. मैनपुरी स्थित बाबा का यह आश्रम 21 बीघा में फैला है. इस आश्रम के अंदर शानदार और लग्जरी कमरे बने हुए हैं. 


पांच जिलों में बने हैं भव्य आश्रम और ट्रस्ट के नाम पर करोड़ों की जमीन 

NDTV की पड़ताल में पता चला है कि 'भोले बाबा' का उत्तर प्रदेश के कासगंज, मैनपुरी, आगरा, कानपुर और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बड़े आश्रम हैं.  इनकी चल अचल संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा है. अकेले मैनपुरी के बिछवां आश्रम की जमीन की कीमत ही चार करोड़ के आसपास है. सूत्रों के मुताबिक विनोद नाम के एक सेवादार ने इतनी कीमती जमीन बाबा भोले के ट्रस्ट को दान में दे दी है. अब राजस्व विभाग इस जमीन की जांच कर रही है. आश्रम के सामने करीब 50 बीघे जमीन को भी 'भोले बाबा' ने लीज पर ली हुई है. 

बिछवां के इस जमीन पर आठ साल पहले करोड़ों की लागत से किलेनुमा एक भव्य आश्रम बनाया गया था. इस आश्रम में दर्जनों लग्जरी गाड़ियां खड़ी हैं और 'भोले बाबा' यहीं बीते डेढ़ साल से रहते हैं. ये आलीशान इमारत आश्रम के सबसे भीतरी परिसर में है. जहां तक जाने के लिए सेवादारों के कक्ष से होकर गुजरना पड़ता है.  

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"पता नहीं अंदर ऐसा क्या है, हमें तो सिर्फ सुरक्षा करने के लिए कहा है"

बिछवां की तरह ही बहादुर नगर का आश्रम करीब चालीस बीघे में फैला हुआ है. बाबा ने इसके साथ-साथ ही कई धर्मशालाएं भी बनाई हैं. सालभर पहले भोले बाबा यहां अपने ट्रस्ट के नाम पर जमीन खरीदने आया था. आश्रम में एक आलीशान इमारत बनी है. हालांकि, अब इस आश्रम के गेट पर ताला जड़ा है और इसकी सुरक्षा में चार गार्ड्स तैनात हैं.प्रताप सिंह नाम के गार्ड से जब एनडीटीवी ने बातचीत की और पूछा कि आखिर इस आश्रम के अंदर ऐसा क्या बना हुआ है जिसकी वजह से इसकी इतनी सुरक्षा की जा रही है तो उस गार्ड ने कहा कि उसे नहीं मालूम है क्योंकि कई साल से  यहां ताला लगा है. और कोई भी अंदर नहीं जा सकता है. ऐसे में ये तो साफ है कि भोले बाबा का आर्थिक सामराज्य उसके आध्यात्मिक संसार से कही ज्यादा रहस्यमसी और आलीशान है. 

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इसके अलावा श्री नारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीन खरीदने की बात सामने आई है...ये भी पता चला है कि भोले बाबा के भक्तों के नाम पर करीब दर्जनों लग्जरी गाड़ियाॉ भी खरीदी गई है. 

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बाबा भोले ने पैसा कैसे बनाया

करीब 40 बीघे में फैले नारायण साकार हरि धाम बहादुर नगर में पहुंचने पर एक बोर्ड लगा है कि यहां कि वीडियोग्राफी  मना है. साथ ही ये भी लिखा है कि नारायण साकार हरि धाम किसी प्रकार का धन, दौलत, चंदा चढ़ावा नहीं लेता है. अगर ऐसा है तो फिर भोले बाबा ने इनती संपत्ति कैसे बनाई. कहीं ये खाने के और, ये दिखाने के और दांत जैसी बात तो नहीं है. आपको बता दें कि करीब चालीस बीघे में फैले इस आलीशान आश्रम के हर एक दीवार पर चंदा देने वालों के नाम लिखे मिलेंगे. भोले बाबा ने 2007 से भक्तों से 100 बोरी सीमेंट से लेकर ईंटा, गाड़ियां और आश्रम बनवाने के लिए नगद पैसा चंदे के तौर पर लेना शुरू किया और आज सौ करोड़ रुपए से ज्यादा के संपत्ति का मालिक बन बैठा है. 

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ड्रोन शॉर्ट में कैद हुई बाबा की 'सच्चाई'

NDTV के पास बाबा के आश्रम का जो ड्रोन शॉर्ट मिला है उसमें ये आश्रम कई बीघे में फैला दिख रहा है. ड्रोन शार्ट में दिख रहा है कि आश्रम के मुख्य इमारत में बाबा की एक तस्वीर लगी है. साथ ही इस इमारत के बगल में ही एक सत्संग ग्राउंड भी दिख रहा है. आश्रम के आसपास और कोई बसावट नहीं दिख रही है. आश्रम की इरामत से सटे सत्संग ग्राउंड तक जाने के लिए एक चोर दरवाजा भी दिख रहा है. 

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