हाथरस हादसा : कौन होते हैं सेवादार? जिनके नाम पर इन बाबाओं ने बना लीं फौजें

सेवादार का मतलब सेवा करने वाले से है, लेकिन पिछले कुछ मामलों में देखने में आया कि बाबाओं के सेवादार लोगों से गुंडों की तरह व्यवहार करते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 7 mins
हाथरस में नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग में मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई.
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के हाथरस (Hathras) जिले के फुलरई गांव में मंगलवार को नारायण साकार विश्व हरि यानी ‘भोले बाबा' के सत्संग में उनके लाखों अनुयायी पहुंचे. सत्संग समाप्त होने के बाद जब भोले बाबा वहां से जा रहा था तो उसे देखने और उसके चरणों की धूल छूने के लिए लोग टूट पड़े. बाबा के सेवादारों ने लोगों को धक्के मारे जिससे भगदड़ मच गई. इस भगदड़ के दौरान कुचलने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. इस घटना से प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बाबा के सेवादारों के रवैये पर सवाल उठ रहे हैं. बताया जा रहा है कि सेवादारों के लोगों को धक्के मारने से ही यह भीषण त्रासदी हुई. यह सेवादार होते कौन हैं? 

देश में सत्संग, प्रवचन करने वाले सभी बाबाओं के सेवादार या स्वयंसेवक हैं. आम तौर पर सेवादार आयोजनों में व्यवस्थाएं संभालते हैं या फिर निजी सुरक्षा कर्मियों की तरह काम करते हैं. सेवादार का मतलब सेवा करने वाले से है, लेकिन पिछले कुछ मामलों में देखने में आया कि बाबाओं के सेवादार लोगों से गुंडों की तरह व्यवहार करते हैं. कुछ बाबाओं ने तो सेवादारों के नाम पर पूरी फौज बना रखी है.           

सेवादार का अर्थ

सेवादार का अर्थ है ऐसा व्यक्ति जो स्वयं अपनी इच्छा से किसी सेवा के कार्य में जुड़ा हो. ऐसे लोग स्वयंसेवक या वालेंटियर भी कहलाते हैं. देश में धार्मिक संगठनों के कामकाज में अपनी इच्छा से जुड़े लोगों को आम तौर पर सेवादार कहा जाता है.

Advertisement

सेवादारों के बारे में कहा जाता है कि उनका ध्यान सिर्फ सेवा की तरफ होता है. चाहे काम बड़ा हो या छोटा, वे खुशी से सेवा करते हैं. सेवादार में सेवाभाव होना चाहिए. उन्हें विनम्र होना चाहिए. उन्हें सेवा के दौरान कभी भी अपना दबदबा दिखाने की कोशिश नहीं करना चाहिए. कहा जाता है कि सेवादारों की हाथ जोड़कर विनम्रता से की गई सेवा से दूसरे भी प्रेरणा प्राप्त कर सकते हैं.

Advertisement

सेवादारों के बारे में यह भी कहा गया है कि उनको अपने गुस्से पर नियंत्रण रखना चाहिए. यदि किसी की गल्ती पर गुस्सा आ भी जाए तो माफी मांग लेनी चाहिए. सेवा दूसरों की खुशी के लिए की जाती है. सेवादार के मन में अहंकार नहीं होना चाहिए. सेवादार कभी भी भेदभाव नहीं करता.

Advertisement
सेवादारों के लोगों को धक्का मारने से मची भगदड़

सेवादार के आदर्श अलग हैं और वास्तविकता इससे उलट है. हाथरस के हादसे से यह साफ हो गया है. सत्संग के बाद नारायण साकार विश्व हरि ‘भोले बाबा' के सेवादारों (सुरक्षाकर्मियों) ने अनुयायियों को धक्का मारा इससे फैली अफरातफरी तथा रास्ते में ढलान पर फिसलन के कारण भगदड़ मच गई. 

Advertisement

घटना को लेकर प्रशासन की रिपोर्ट में कहा गया कि जब बाबा कार्यक्रम स्थल से जा रहे थे, तो उनके अनुयायी उनके दर्शन के लिए उनकी ओर दौड़ने लगे और उनके पैरों के पास से मिट्टी एकत्र करने लगे. रिपोर्ट में कहा गया है कि तभी बाबा के निजी सुरक्षाकर्मियों (ब्लैक कमांडो) और सेवादारों ने भीड़ को रोकने के लिए खुद ही भीड़ को धक्के मारना शुरू कर दिया जिससे कुछ लोग गिर गए. इससे अफरा तफरी मच गई और भीड़ बेकाबू हो गई.

कार्यक्रम स्थल पर जिस समय भगदड़ हो रही थी, सेवादार और आयोजक चुपचाप देखते रहे. किसी ने कोई सहयोग नहीं किया. फिर एक-एक कर खिसक गए. पुलिस ने ही घायलों को अस्पताल पहुंचाया.

भोले बाबा के सेवादारों की फौज 

भोले बाबा ने अपनी सुरक्षाकर्मियों की टीम को तीन भागों में बांट रखा है. यह टीम आश्रम से लेकर प्रवचन स्थल तक बाबा की सेवा करती है. भोले बाबा अपने सेवादारों को ही अपनी सुरक्षा में रखते हैं. सेवादारों के ड्रेस कोड भी हैं. जानकारी के मुताबिक, बाबा की सुरक्षा महिला और पुरुष गार्ड करते हैं. 

बाबा की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों में पिंक ड्रेस वाले सेवादार 'नारायणी सेना' के नाम से जाने जाते हैं. बाबा के काफिले के साथ चलने वाले निजी सुरक्षाकर्मियों (ब्लैक कमांडो) को 'गरुण योद्धा' कहा जाता है. सिर पर टोपी और ब्राउन ड्रेस पहनने वाले सेवादारों को 'हरि वाहक' नाम दिया गया. बाबा के ब्लैक कमांडो यानी गरुण योद्धा 20-20 की टुकड़ी में होते हैं. पिंक ड्रेस वाली 'नारायणी सेना' 50 -50 की टुकड़ी में होती है. 'हरि वाहक' भी 25-25 की टुकड़ी मे होते हैं.

सेवादारों के हाथ में पूरी व्यवस्था

भोले बाबा के सत्संग में सारी व्यवस्थाएं सेवादार संभालते हैं. सेवादार सबसे पहले आयोजन स्थल पर पहुंचते हैं. बाबा के बहुत सारे अनुयायी पुलिस में हैं. वे सत्संग के आयोजनों के दौरान अवकाश लेकर आते हैं. सत्संग स्थल तक बाबा के लिए अलग से एक रास्ता बनाया जाता है. भोले बाबा का मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर देव प्रकाश मधुकर हाथरस का ही रहने वाला है.

सेवादारों के नाम पर बाबाओं की फौज

देश में बाबाओं के अपने 'साम्राज्यों' के कई मामले पिछले सालों में सामने आए. इनमें फर्जी बाबाओं की असलियत सामने आने के साथ-साथ उनकी सेवादारों के नाम पर अपनी फौज खड़ी करने के मामले भी मामले सामने आए.       

फर्जी संत रामपाल
सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल को चार महिलाओं और एक बच्चे की हत्या के केस में आजीवन कारावास हुआ है. रामपाल के आश्रम में हथियारबंद सेवादार थे जो सुरक्षा के लिए तैनात रहते थे. प्रवचन के दौरान रामपाल के इर्द-गिर्द बंदूकधारी सुरक्षा करते थे. जब रामपाल के खिलाफ कार्रवाई की गई तो सेवादार पुलिस से भिड़ गए थे. 

सजा काट रहा आसाराम
एक समय पर काफी लोकप्रिय रहे आसाराम बापू की भी अपनी सुरक्षा कर्मियों की फौज थी. आसाराम की गिरफ्तारी के बाद नारायण पांडे नाम के एक व्यक्ति ने पुलिस के समक्ष गवाही दी थी कि आसाराम के पास उसके 2000 समर्थकों की फिदायीन फौज है. हालांकि इस फौज का तो पता नहीं, लेकिन आसाराम जब भी कहीं जाता था, उसके साथ बड़ी संख्या में निजी सुरक्षागार्ड होते थे. 

डेरा सच्चा सौदा
'डेरा सच्चा सौदा' नाम का धार्मिक संगठन चलाने वाले बाबा राम रहीम के साथ भी सेवादारों की फौज है. इस फौज में हथियारबंद सुरक्षाकर्मी होते हैं. डेरा सच्चा सौदा का दावा है कि अपने आपको खानदानी सत्संगी सेवादार कहलवाने में वे गर्व महसूस करते हैं. वे अपनी दिनचर्या में बचे हुए समय में मानवता की भलाई करते हैं. 

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री 
मध्य प्रदेश के बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री का अपना साम्राज्य है. उनके सेवादारों की भी बड़ी फौज है. इस फौज को उनके छोटे भाई शालिगराम संभालते हैं. कुछ अरसे पहले शालिगराम पर छतरपुर के गढ़ा गांव में लगभग 50 सेवादारों के साथ एक परिवार पर मारपीट करने का आरोप लगा था. 

यह भी पढ़ें -

बाबा की फरारी की कहानी : हादसे के बाद 4 घंटे में 4 लोगों से की बात, फिर बंद किया फोन

121 लाशें, कई सवाल : मौत के इस 'सत्संग' पर आखिर कौन देगा जवाब?

Featured Video Of The Day
Baba Siddiqui Murder Case: आकाशदीप ने खोले बड़े राज, खुद बताया कैसे करता था Anmol Bishnoi से बात
Topics mentioned in this article