हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्य में सांप्रदायिक हिंसा के मद्देनजर बुधवार को केंद्रीय बलों की चार और कंपनी मांगी तथा कहा कि आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) की एक बटालियन भी नूंह में तैनात की जाएगी. खट्टर उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के उस दावे से भी असहमत नजर आए, जिसमें चौटाला ने कहा है कि नूंह में धार्मिक शोभायात्रा के आयोजकों ने जिला प्रशासन को संभावित भीड़ की सही जानकारी नहीं दी थी. चौटाला के दावे के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि ऐसा नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘जब शोभायात्रा की सूचना मिली तो एक दिन पहले उपायुक्त ने दोनों पक्षों के साथ बैठक की. प्रशासन को आश्वासन दिया गया कि कार्यक्रम शांतिपूर्ण तरीके से होगा. लेकिन, अचानक घटनाएं हुईं, जिसकी जांच की जा रही है.'' जननायक जनता पार्टी (जजपा) नेता चौटाला ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा था, ‘‘...आयोजकों ने जिला प्रशासन को जुलूस में जुटने वाली संभावित भीड़ की सही जानकारी नहीं दी थी. ऐसा प्रतीत होता है कि इस सूचना की कमी या अन्य कारण से हिंसा की स्थिति उत्पन्न हुई.'' हालांकि, अपने गठबंधन सहयोगी के दावे से असहमति जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ऐसा नहीं है.''
हाल के महीनों में दोनों सहयोगियों के बीच मतभेद के संकेत मिले हैं. मुख्यमंत्री ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्रीय बलों की 20 कंपनी पहले से ही हरियाणा में तैनात हैं, जिनमें से 14 नूंह में, तीन पलवल में, दो गुरुग्राम में और एक फरीदाबाद में तैनात है. विश्व हिंदू परिषद की शोभायात्रा को रोकने की कोशिश को लेकर नूंह में भड़की हिंसा-जो पिछले दो दिनों में गुरुग्राम तक फैल गई- में दो होम गार्ड और एक मौलवी सहित छह लोगों की मौत हो गई है. शांति की अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
खट्टर ने कहा कि नूंह में सोमवार को हुई हिंसा के बाद से अब तक छह लोगों की मौत हो चुकी है और 116 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 90 लोगों को हिरासत में लिया गया है. खट्टर ने कहा कि नूंह में गोरक्षा एक बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा, ‘‘वहां (गाय की) तस्करी और गोहत्या होती है.'' उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस के प्रवर्तन ब्यूरो के 100 जवानों को गायों की रक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. खट्टर ने मुस्लिम समुदाय के युवाओं से भी गोरक्षा के लिए आगे आने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कई मुस्लिम हैं जो गोरक्षा के लिए आवाज उठाते हैं और इसके लिए काम करते हैं.''
संपत्ति को नुकसान पहुंचने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस किसी ने भी सरकारी या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है, उसे इसकी भरपाई करनी होगी. उन्होंने कहा कि हरियाणा ने पहले ही इस संबंध में एक कानून बनाया है. मोनू मानेसर के बारे में पूछे जाने पर खट्टर ने कहा कि उस पर राजस्थान पुलिस ने मामला दर्ज किया है. खट्टर ने कहा कि हरियाणा सरकार मोनू मानेसर को पकड़ने के लिए हरसंभव सहायता प्रदान करेगी. गोरक्षक मोनू मानेसर के खिलाफ राजस्थान पुलिस ने दो मुस्लिम युवकों की हत्या के सिलसिले में मामला दर्ज किया था, जिनके झुलसे हुए शव फरवरी में हरियाणा के भिवानी जिले में पाए गए थे. खट्टर ने कहा, ‘‘राजस्थान पुलिस मोनू मानेसर की तलाश कर रही है. हमारे पास कोई जानकारी नहीं है कि वह अब कहां है. राजस्थान पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र है.''
मोनू मानेसर ने वीडियो जारी कर नूंह में बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा में शामिल होने की बात कही थी. एक सवाल पर खट्टर ने कहा कि नूंह की घटना के दिन मोनू मानेसर की मौजूदगी का कोई मुद्दा नहीं है. उन्होंने कहा कि कई अफवाहें भी फैलाई जाती हैं जिससे माहौल खराब होता है. खट्टर ने कहा कि पुलिस हिंसा में शामिल लोगों की पहचान करने के लिए ‘मोबाइल डंप डेटा' की जांच कर रही है और सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रही है. केंद्रीय मंत्री और गुरुग्राम के सांसद राव इंद्रजीत सिंह ने कहा है कि किसी धार्मिक यात्रा में भाग लेने वालों के लिए तलवारें और लाठियां ले जाना सही नहीं है.
सिंह की टिप्पणी से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुझे जानकारी नहीं है कि उन्होंने किस आधार पर ऐसा बयान दिया है.'' बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सांसद ने दंगे के वीडियो का हवाला देते हुए कहा कि दोनों समुदायों (हिंदू और मुस्लिम) के पास हथियार थे. खट्टर ने कहा कि सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
कुछ लोगों द्वारा नूंह से पलायन करने का विचार किए जाने से जुड़े सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी से वहां शांति से रहने और भाईचारा बनाए रखने की अपील करते हैं.''
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