Exclusive : NDTV से बातचीत में छलका शैलजा का दर्द, मैं चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन...

शैलजा कुमारी ने कहा, "मुझे टिकट देना या नहीं देना... ये तो हाईकमान का फैसला था. पार्टी ने उकलाना में किसी और को टिकट मिल गया. बेशक मैं वहां से लड़ना चाहती थी. अगर मौका मिलता, तो पार्टी को ज्यादा फायदा होता."

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शैलजा कुमारी, चौधरी दलबीर सिंह की बेटी हैं और हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं.

नई दिल्ली/चंडीगढ़:

हरियाणा के विधानसभा चुनाव 2024 (Haryana Assembly Elections 2024) में कांग्रेस और BJP अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. हालांकि, टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस के अपने संगठन और प्रदेश नेताओं के बीच असंतोष का सामना भी करना पड़ रहा है. इस रेस में सबसे पहला नाम शैलजा कुमारी (Selja Kumari) का सामने आ रहा है. शैलजा अकलाना सीट से चुनाव लड़ना चाहती थीं, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. भूपेंद्र हुड्डा गुट को ज्यादा तरजीह दिए जाने को लेकर माना जा रहा है कि शैलजा कुमारी कांग्रेस आलाकमान से नाराज हैं. NDTV से खास इंटरव्यू में शैलजा कुमारी का ये दर्द भी छलका. उन्होंने अपने अंदाज में कांग्रेस आलाकमान को खास मैसेज भी दे दिया. हालांकि, शैलजा ने पार्टी छोड़कर BJP या किसी और दल में जाने की अटकलों को खारिज कर दिया है. वहीं, कांग्रेस के दो बड़े नेताओं शैलजा कुमारी और भूपिंदर सिंह हुड्डा में मनमुटाव के बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का दौरा भी रद्द कर दिया गया है.

शैलजा कुमारी, कांग्रेस नेता चौधरी दलबीर सिंह की बेटी हैं. वो हरियाणा में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा हैं. वर्तमान में वो सिरसा से लोकसभा सांसद हैं. इससे  पहले अंबाला से भी सांसद रह चुकी हैं. उनकी सोनिया गांधी से काफी नजदीकी है.

शैलजा कुमारी ने कहा, "मुझे टिकट देना या नहीं देना... ये तो हाईकमान का फैसला था. पार्टी ने उकलाना में किसी और को टिकट मिल गया. बेशक मैं वहां से लड़ना चाहती थी. मैंने ये बात सार्वजनिक तौर पर भी कही थी. लेकिन ये पार्टी का फैसला था कि मुझे चुनाव ना लड़वाए. ये भी है कि मैं चुनाव लड़ती, तो पार्टी को थोड़ा ज्यादा फायदा हो जाता..."

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शैलजा कुमारी ने कहा, "शैलजा कांग्रेस में थी. कांग्रेस में है और कांग्रेस में रहेगी. कांग्रेस मेरा कमिटमेंट है. कांग्रेस मेरी विचारधारा है. कांग्रेस हमारा नेतृत्व है." 

हम सब मिलकर बनाएंगे कांग्रेस सरकार
हरियाणा चुनाव में INLD का बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन है. जबकि दुष्यंत चौटाला की पार्टी JJP ने नगीना से सांसद चंद्रशेखकर आजाद की आजाद समाज पार्टी के साथ हाथ मिलाया है. ऐसे में क्या शैलजा के चुनाव नहीं लड़ने से कांग्रेस को नुकसान होगा? इसके जवाब में शैलजा कहती है, "मैं कांग्रेस पार्टी की सिपाही हूं. पार्टी में 36 बिरादरी मिलकर काम कर रहे हैं. दलितों ने लोकसभा चुनाव में भी दिखाया कि वो पूरी तरह से कांग्रेस पार्टी के साथ है. जो भी फैसला लिया गया है, वो आलाकमान का फैसला है. हम इस बार भी सब मिलकर सरकार बनाएंगे."

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पार्टी में क्या मुद्दे हैं?
इस सवाल के जवाब में कुमारी शैलजा ने कहा, "कई मुद्दे होते हैं, जो हम मीडिया के सामने नहीं रखते... अभी हमने अपनी सरकार बनाने के बारे में सोचना है. हमने अपने मुद्दे हाईकमान के सामने हमने रखे हैं. आगे भी रखेंगे.." 

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क्या पंजाब की तरह हरियाणा में भी बनना चाहिए दलित CM?
क्या पंजाब की तर्ज पर हरियाणा में भी दलित CM नहीं बनना चाहिए? इसके जवाब में शैलजा कहती हैं, "वो आगे का फैसला है. आगे कौन CM बनेगा या नहीं बनेगा...चुनाव के बाद ये हाईकमान तय करेगा. पहले हमारा फोकस चुनाव जीतना है."

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अपने गिरेबां में पहले झांकें BJP
हाल के दिनों में कुमारी शैलजा से BJP ने संपर्क किया है. गृहमंत्री अमित शाह, पूर्व CM और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, BSP चीफ मायावती ने शैलजा के प्रति हमदर्दी जताई है. इसे लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में वह कहती हैं, "BJP वाले पहले अपने नेताओं से प्यार कर लें. अपने लोगों को देखें. BJP पहले अपने गिरेबां में झांकें. अपनी पार्टी को देखें. BJP को शैलजा कुमारी के लिए सोचने की जरूरत नहीं है."

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एक-दो दिन में शुरू करेंगी चुनाव प्रचार 
कांग्रेस से नाराजगी नहीं है, तो अब तक प्रचार क्यों नहीं किया? इसके जवाब में शैलजा कुमारी कहती हैं, "हम एक- दो दिन में चुनाव प्रचार शुरू करूंगी. अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसलिए लगातार काम करना है."

मल्लिकार्जुन खरगे का दौरा भी रद्द
वहीं, इससे पहले कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का हरियाणा दौरा अचानक कैंसिल हो गया. सोमवार को उन्हें अंबाला और करनाल में रैलियों को संबोधित करना था. कांग्रेस के मुताबिक, तबीयत खराब होने के कारण खरगे को अपना दौरा रद्द करना पड़ा. डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी है. हालांकि, कांग्रेस अंदरखाने कुछ और ही थ्योरी सामने आ रही है. कई नेताओं का कहना है कि भूपेंद्र हुड्डा और शैलजा कुमारी गुट में चल रही तनातनी की वजह से खरगे को दौरा रद्द करना पड़ा.

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