केंद्र सरकार के कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के नेताओं ने किसानों के समर्थन में आज नई दिल्ली में विरोध मार्च निकाला. अकाली दल शुरू से ही किसानों के हक की बात करते आ रहा है और कृषि कानूनों का पुरजोर विरोध कर रहा है. शिरोमणी अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur) ने आज NDTV से खास बातचीत में कहा कि कृषि कानूनों को लेकर ही पिछले साल हमने भाजपा से नाता तोड़ा था. उन्होंने कहा कि सरकार को एहसास दिलाने के लिए कि ये काले कानून गलते हैं हमने गठबंधन तोड़ा था.
हरसिमरत कौर ने कहा कि ये कानून किसानों पर न थोपे जाएं. हम किसानों के साथ लडेंगे, हमने पिछले साल भी लड़ाई लड़ी और इसलिए आज काला दिवस भी मनाया. किसान आंदोलन में कई किसान शहीद भी हुए. किसानों के सिर फोड़ने के आदेश दिए गए. हम सरकार की मरी हुई आत्मा को जगाने के लिए ये कर रहे हैं, ये आंदोलन जारी रहेगा.
अकाली नेता ने कहा कि किसान ही सरकार को बनाते हैं, ये सरकार को समझना चाहिए. सरकार को लग रहा है कि उन्हें कोई हटा नहीं सकता, लेकिन लोकतंत्र में सरकार गिराते भी लोग हैं और बनाते भी लोग हैं. ऐसी क्या मजबूरी है सरकार की कि ऐसे कानून लाए जिसमें किसानों से सलाह भी नहीं ली. ज़ोर जबरदस्ती से यह कानून लागू कर दिया गया और किसानों की आवाज सुनी नहीं जा रही है.
कृषि कानून पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने सलाह दी थी कि किसानों से बात कीजिए उसके बाद कानून लाइये. लेकिन किसी की भी नहीं सुनी गई. सुना होता तो किसान शहीद नहीं हुए होते. पश्चिम बंगाल में भी हार नहीं हुई होती. अहंकार से सरकार नहीं चलती, जो अन्नदाता की सुनता है उसकी सरकार बनती है.
हरसिमरत कौर ने चुनावों का जिक्र करते हुए कहा कि किसान सबक सिखाएगा. वोट से चोट मारी जाएगी. यहां लोकतंत्र है, डिक्टेटरशिप क्यूं कर रही है ये सरकार. अकाली दल किसानों के साथ खड़ा है, हमने किसानों के लिए बहुत किया है. इसके बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी पर भी निशाना साधा और कहा कि केजरीवाल सरकार ने कुछ नहीं किया किसानों के लिए.
कांग्रेस ने भी कुछ नहीं किया बल्कि कहा पंजाब से निकल जाओ.