Russia Ukraine War: यूक्रेन की राजधानी कीव में रूस औऱ यूक्रेनी सेना के बीच भीषण युद्ध (Russia Ukraine Conflict) के बीच भारतीय छात्र हरजोत सिंह (Harjot Singh) गोली लगने से घायल हो गए. हालांकि राहत की बात है कि हरजोत की हालत खतरे से बाहर है और इस वक्त हॉस्पिटल में हैं. हरजोत सिंह के पिता केसर सिंह और मां का भी रो-रोकर बुरा हाल है और वे बेटे की सुरक्षित वापसी चाहते हैं. हरजोत की मां ने कहा कि अस्पताल आने के चार दिन बाद यानी बेटे को होश आया और उसे पता चला कि वो अस्पताल में भर्ती है. तब उसे डॉक्टरों ने बताया कि उसे गोली लगी थी, जो निकाल दी गई हैं. फिर बुधवार दोपहर यानी 2 मार्च को उसने घर फोन किया और डॉक्टर के फोन से भी उनके पास कॉल आया था. हरजोत के पिता केसर सिंह ने कहा कि 26 फरवरी के बाद से बेटे से कोई संपर्क नहीं था. जबकि पहले उसका एक दिन में दो बार फोन जरूर आता था, लेकिन एक भी कॉल न आने से वो लोग परेशान हो गए. तब दो मार्च को ये फोन आया कि जब वो मेट्रो पर सवार होने जा रहा था तो किसी ने गोली मारी, लेकिन ये नहीं पता कि किसने ये हमला किया. केसर का कहना है कि उनके बेटे का कहना है कि यूक्रेनी सुरक्षाकर्मी किसी भी भारतीय को ट्रेन में सवार नहीं होने देंगे. उसे एक गोली छाती में, एक हाथ में और दो पैर में लगी हैं.
उन्होंने एनडीटीवी से बातचीत की. नम आखों के साथ हरजोत सिंह के पिता केसर सिंह और मां ने कहा कि 26 फरवरी के बाद से हरजोत सिंह के साथ कोई संपर्क नहीं हो पाया था. उसका फोन आया तो गुरुवार रात को पता चला कि उसे गोली लगी है. हरजोत कीव से बाहर निकलना चाहता था, लेकिन ट्रेन में उसे बैठने नहीं दिया गया. फिर मेट्रो से निकलने लगा तभी किसी ने गोली मारी. हरजोत लैंग्वेज की पढ़ाई और काम करने के लिए यूक्रेन गया था. उसे चार गोली लगी हैं लेकिन डाक्टरों का धन्यवाद कि उन्होंने उसकी अच्छी देखभाल की है. हरजोत के परिजनों का कहना है कि उनके बेटे के पास मोबाइल के अलावा कुछ नहीं है बैग और पासपोर्ट सब गायब है. हम भारत सरकार से अपील कर रहे हैं कि हमारे बच्चे की सुरक्षित वापसी हो.
इससे पहले हम केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी और सरकार से गुहार लगा चुके हैं लेकिन फिलहाल कोई मदद नहीं मिली है. NDTV का धन्यवाद, जिन्होंने मेरे बेटे को सामने लाया और हमारा दर्द दिखाया. वहीं हरजोत ने एनडीटीवी को बताया कि मैं कीव से वोक्जाना के लिए निकला था. वहां से मुझे ट्रेन पकड़नी थी. इसी दौरान गोली लगी. कीव सिटी अस्पताल से बात करते हुए हरजोत सिंह ने कहा कि मेरा पैर फ्रैक्चर हो गया है.
गौरतलब है कि यूक्रेन में अभी भी करीब सात हजार भारतीय छात्र फंसे हुए हैं, जबकि रोमानिया, हंगरी की सीमाओं पर फंसे भारतीयों को बाहर निकालने का अभियान जारी है. सरकार ने भारतीयों को युद्धग्रस्त खारकीव और अन्य इलाकों को छोड़ने की एडवाइजरी पहले ही जारी की है. यूक्रेन में एक भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा की एक रॉकेट हमले की चपेट में आने के कारण मौत भी हो चुकी है. हमले के वक्त शेखरप्पा एक अपार्टमेंट के बाहर राशन लेने के लिए लाइन में खड़े थे.
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