NIA Sachin Vaze Case : रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Case) के घर एंटीलिया के बाहर लावारिस कार में विस्फोटक रखने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने रविवार को बड़ा कदम उठाया. एनआईए टीम इस मामले में आरोपी एएसआई सचिन वाजे (Sachin Vaze) को लेकर बांद्रा में मीठी नदी पर पहुंची. मीठी नदी से गोताखोरों को कंप्यूटर की हार्ड डिस्क और कार की नंबर प्लेट मिली है. NIA ने पिछले हफ्ते सचिन वाजे की दूसरी बार हिरासत हासिल की थी. उसकी कोशिश है कि जो सबूत वाजे ने मिटा दिए हैं या कहीं फेंक दिए हैं, उन्हें बरामद कर केस को पुख्ता किया जाए.
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NIA सचिन वाजे को लेकर बांद्रा पहुंची और पता चला कि वहां मीठी नदी में कुछ सबूत तलाशने की कोशिश हुई. पुलिसकर्मियों के बीच गोताखोरों के जरिये नाले में तलाशी ली गई.इसमें मौके से एक डीवीआर, हार्ड डिस्क (Hard Disk) और कार का नम्बर प्लेट भी मिला है. एक ही नम्बर की दो नंबर प्लेट मिली हैं. पानी मे जो डाइवर्स उतरे, वो सफाई मजदूर लग रहे थे, क्योंकि नाले में पानी ज्यादा नही था, इसलिए उनकी मदद से सबूत खोजने की कोशिश की जा रही है.एनआईए ने डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर (डीवीआर), सीपीयू, एक लैपटॉप भी बरामद किया है.
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गोताखोरों की मदद से तलाशी के दौरान एनआईए ने नदी से राउटर, कंप्यूटर कार्टेज और अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद किए हैं. डीवीआर को ठाणे में उस हाउसिंग सोसाइटी से हटा दिया गया था, जहां सचिन वाजे रहता था. एनआईए की टीम दोपहर 3 बजे वाजे को बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स में मौके पर ले गई थी. कई और साक्ष्य भी नदी से बरामद किए जा सकते हैं, संदेह है कि सहायक पुलिस निरीक्षक रियाजुद्दीन काजी ने एनआईए को पूछताछ के दौरान बताया था कि इन सबूतों को मीठी नदी में फेंक दिया गया था. वाजे के करीबी काजी से हाल में एनआईए ने कई बार पूछताछ की थी.
कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही एनआईए
एनआईए की गिरफ्त में आने से पहले वाजे पर कंप्यूटर की हाई डिस्क हटाने, मोबाइल को फेंकने और मामले से जुड़े अन्य सबूत और साक्ष्य मिटाने के आरोप हैं. एनआईए मुकेश अंबानी केस औऱ मनसुख हिरेन (Mansukh Hiren) की हत्या से जुड़ी कड़ियों को जोड़ना चाहती है, ऐसे में सबूत जुटाना बेहद अहम है. एनआईए अधिकारी हिरेन केस में गिरफ्तार अन्य आरोपियों के साथ वाजे को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करना चाहती है.
महाराष्ट्र गठबंधन उठापटक तेज
महाराष्ट्र में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की गठबंधन सरकार में उठापटक शुरू हो गई है. शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने पार्टी के मुखपत्र ‘सामना'में अपने साप्ताहिक स्तंभ ‘रोकटोक' में सवाल उठाया कि सचिन वाजे 100 करोड़ रुपये मासिक वसूली का रैकेट चला रहा था और गृह मंत्री देशमुख (Anil Deshmukh) इससे अंजान थे. देशमुख को गृह मंत्री का पद दुर्घटनावश मिला. जयंत पाटिल और दिलीप वालसे-पाटिल ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया।. इसी कारण शरद पवार ने अनिल देशमुख को इस पद के लिए चुना.