कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की तिथियों की घोषणा इसलिए नहीं की गई ताकि पीएम नरेंद्र मोदी को बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने के लिए और समय मिल जाए. वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, ‘‘निश्चित तौर पर यह इसलिए किया गया ताकि प्रधानमंत्री को और बड़े-बड़े वादे करने तथा उद्घाटन करने का समय मिल जाए. यह बिल्कुल भी हैरान करने वाला नहीं है.''कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने दावा किया, ‘‘गुजरात के चुनावों की तारीख़ दीपावली के बाद घोषित होंगी. तब तक सरकारी खर्चे पर प्रधानमंत्री मोदी जी भर कर प्रचार कर सकते हैं, साथ ही रेवड़ियां भी बांट सकते हैं..''
बता दें, निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा कर दी. इस पहाड़ी राज्य में एक ही चरण में 12 नवंबर को मतदान होगा जबकि आठ दिसंबर को मतगणना की जाएगी. आयोग की ओर से हालांकि गुजरात विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा नहीं की गई. गुजरात विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 18 फरवरी को समाप्त हो रहा है. हिमाचल प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल आठ जनवरी को समाप्त होगा.
गौरतलब है कि हिमाचल के साथ गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा न करने पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि परंपरा, मतदान की तारीखों में अंतर और मौसम सहित विभिन्न कारकों पर विचार के बाद यह फैसला लिया गया. आयोग ने कहा कि कई राज्यों में चुनावों की घोषणा से कुछ के परिणामों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है वहीं आचार संहिता की अवधि भी लंबी हो जाती है. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों की विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने में करीब 40 दिन का अंतराल है. नियमों के अनुसार, यह कम से कम 30 दिन होना चाहिए ताकि एक परिणाम दूसरे को प्रभावित न करें. मौसम जैसे कई कारक हैं. हम बर्फबारी शुरू होने से पहले हिमाचल प्रदेश में चुनाव कराना चाहते हैं.
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हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर को मतदान, 8 दिसंबर को आएंगे परिणाम