गुजरात चुनाव: 10 बार के विधायक मोहन राठवा ने छोड़ा कांग्रेस का हाथ, क्या BJP से मिलेगा बड़ा तोहफा?

गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण में 1 दिसंबर और दूसरे चरण में 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. वोटों की काउंटिंग 8 दिसंबर को होगी. मोहन सिंह राठवा के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब पार्टी छोटा उदेपुर में अपने को मजबूत कर सकती है. छोटा उदयपुर लोकसभा सीट पर पहले से ही बीजेपी का कब्जा है.

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मोहन सिंह राठवा अपने दो बेटों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं.

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विपक्ष के पूर्व नेता मोहन सिंह राठवा ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. वे अपने दो बेटों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए हैं. राठवा ने मध्य गुजरात के प्रभारी भार्गव भट्ट और प्रदेश महामंत्री प्रदीप सिंह वाघेला की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ली. राठवा वर्तमान में छोटा उदयपुर से विधायक हैं. वह अब तक 10 बार विधायक चुने जा चुके हैं. 

राठवा ने इस मौके पर कहा कि मुझे बीजेपी के कार्यालय कमलम् में आने का मौका मिला. यह सौभाग्य की बात है. राठवा ने कहा कि उन्हें यह मौका बीजेपी नेता और सहकारी क्षेत्र के अग्रणी दिलीप संघाणी के जरिए मिला. राठवा ने यह भी कहा कि कांग्रेस में मैंने लंबे समय तक काम किया, लेकिन समय काफी बलवान है.

राज्य कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर को लिखे पत्र में मध्य गुजरात के वरिष्ठ आदिवासी नेता मोहन सिंह ने पार्टी छोड़ने का का कोई कारण नहीं बताया है. लेकिन माना जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनके स्थान पर उनके बेटे को टिकट देने से इंकार कर दिया था. इससे नाराज होकर उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

छोटा उदयपुर में है दबदबा
छोटा उदयपुर के विधायक मोहन सिंह राठवा का यहां काफी दबदबा है. उन्होंने कुछ महीने पहले ही कोई चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था. उन्होंने मीडिया से कहा था, 'मैं युवाओं को मौका देना चाहता हूं. मैंने लगातार 11 बार चुनाव लड़ा, जिसमें 10 बार जीता हूं. मुझे जेतपुर पावी, बोडेली और छोटा उदयपुर तालुका के मतदाताओं ने हमेशा जिताया है. युवाओं की जरूरत इसलिए है कि वे गांव-गांव जा सकें, लोगों के लिए दौड़ सकें.'

दो बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ा, लेकिन मिली हार
मोहनसिंह राठवा ने दो बार लोकसभा चुनाव लड़ा. 1980 और 1984 में छोटा उदयपुर लोकसभा सीट से जनता पार्टी के उम्मीदवार बने. कांग्रेस उम्मीदवार अमर सिंह राठवा से हार गए. 2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन भाजपा के वेछतभाई बारिया से हार गए थे.

बीजेपी को हो सकता है बड़ा फायदा
मोहन सिंह राठवा के बीजेपी से जुड़ने के बाद पार्टी यहां और भी सीटें झटक सकती है. छोटा उदयपुर जिले में कुल तीन सीटें हैं. इनमें छोटा उदयपुर, पावी जेतपुर और संखेड़ा शामिल हैं. 2017 के चुनाव में संखेड़ा सीट पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी. बाकी दो सीटों पर कांग्रेस विजयी रही थी. मोहन सिंह राठवा के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब पार्टी छोटा उदेपुर में अपने को मजबूत कर सकती है. छोटा उदयपुर लोकसभा सीट पर पहले से ही बीजेपी का कब्जा है.

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बता दें कि गुजरात विधानसभा के लिए पहले चरण में 1 दिसंबर और दूसरे चरण में 5 दिसंबर को वोटिंग होगी. वोटों की काउंटिंग 8 दिसंबर को होगी.

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