- दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए केंद्र सरकार ने GRAP-1 लागू कर दिया है
- निर्माण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य किया गया है और डस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत काम करना होगा
- खुले में कचरा जलाने और कोयला या लकड़ी से खाना पकाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है
दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर एक बार फिर बढ़ने लगा है. इसी को देखते हुए केंद्र सरकार के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) का पहला चरण यानी GRAP-1 लागू कर दिया है. हालांकि इस बार 10 से 15 साल पुरानी डीज़ल और पेट्रोल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाने के बजाय केवल "न चलाने की सलाह" दी गई है. आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन वाहनों के पास वैध PUC सर्टिफिकेट (Pollution Under Control) है, वे सड़कों पर चल सकते हैं.
धूल और निर्माण स्थलों पर कड़ी निगरानी
GRAP-1 के तहत सबसे ज़्यादा फोकस धूल नियंत्रण पर रखा गया है. दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में सभी निर्माण व ध्वस्तीकरण स्थलों पर एंटी-स्मॉग गन का उपयोग अनिवार्य किया गया है. 500 वर्गमीटर से बड़े हर प्रोजेक्ट को स्वीकृत डस्ट मैनेजमेंट प्लान के तहत काम करना होगा. धूल उड़ाने वाली गतिविधियों, जैसे मिट्टी की ढुलाई या खुले में निर्माण सामग्री रखने पर निगरानी रखी जाएगी.
खुले में कचरा जलाने और कोयले के उपयोग पर रोक
प्रदूषण नियंत्रण के तहत कचरा, पत्तों और अन्य अपशिष्ट को खुले में जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा. साथ ही सड़क किनारे फूड स्टॉल, होटल और रेस्टोरेंट में कोयला या लकड़ी से खाना पकाने पर भी रोक होगी. अब केवल बिजली, गैस या अन्य स्वच्छ ईंधन का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा.
डीजल जनरेटर पर पाबंदी और ट्रैफिक सख्ती
डीजल जनरेटर का उपयोग केवल आपातकालीन हालाrत में ही किया जा सकेगा. गैर-जरूरी स्थितियों में इसके इस्तेमाल पर जुर्माना लगाया जा सकता है. ट्रैफिक विभाग को भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रमुख चौराहों पर तैनाती बढ़ाई जाए और चालकों को लाल बत्ती पर इंजन बंद करने के लिए प्रेरित किया जाए.
प्रदूषण फैलाने वालों पर कार्रवाई का निर्देश
CAQM ने कहा है कि जिन वाहनों या निर्माण साइटों से ज्यादा प्रदूषण फैलता पाया गया, उन पर जुर्माना लगाया जाएगा या उन्हें सील किया जा सकता है.