"आपकी भागीदारी के बिना भारत का विकास संभव नहीं...": लोक सेवा दिवस पर PM मोदी, 10 प्‍वाइंट

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अफसरशाही फेल हुई, तो देश को भुगतना पड़ेगा!: PM मोदी
नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोक सेवा दिवस पर राजधानी में लोक सेवकों को संबोधित किया. इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है, तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था.

  1. लोक सेवा दिवस पर राजधानी में लोक सेवकों को संबोधित करते हुए मोदी ने उनसे राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका को विस्तार देने का आग्रह करते हुए कहा कि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो देश का धन लुट जाएगा, करदाताओं के पैसे बर्बाद हो जाएंगे और युवाओं के सपने चकनाचूर हो जाएंगे. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों के महत्व का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हर दल की अपनी विचारधारा होती है और संविधान ने हर दल को यह अधिकार भी दिया है लेकिन एक सरकारी कर्मचारी के तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ सवालों का अवश्य ही ध्यान रखना पड़ेगा.
  2. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 16वें लोक सेवक दिवस पर सिविल सेवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक समुदाय की भारत से उम्मीदें बढ़ी हैं, वह कह रहा है कि भारत का समय आ गया है. आपकी सक्रिय भागीदारी के बिना तेज गति से भारत का विकास संभव नहीं होता. 
  3. पीएम मोदी ने कहा कि इस साल का 'सिविल सर्विस-डे' बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं. ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है.
  4. पीएम मोदी ने कहा, "मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं. आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है... हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है, लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं.  
  5. उन्‍होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है. पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है, तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था. कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है.
  6. पीएम मोदी ने कहा कि बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्राणों' का आह्वान किया था. विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो... इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है. 
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  8. उन्‍होंने कहा कि पहले यह सोच थी कि सरकार सबकुछ करेगी, लेकिन अब सोच यह है कि सरकार सबके लिए करेगी. अब सरकार सबके लिए काम करने की भावना के साथ टाइम  और रिसोर्स का उचित ढंग से उपयोग कर रही है. आज की सरकार का ध्येय है Nation First, Citizen First और आज की सरकार की प्राथमिकता है- वंचितों को वरीयता. आज सरकार आकांक्षी ब्लॉक तक जा रही है और आज की सरकार देश के सीमावर्ती गांवों को आखिरी गांव ना मान कर उन्हें First Village मान कर काम कर रही है.
  9. पीएम मोदी ने कहा कि विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है. विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वो पॉजिटिविटी में बदले.
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  11. उन्‍होंने कहा कि आज देश और आप सभी के प्रयासों से सिस्टम बदला है और देश के करीब करीब 3 लाख करोड़ रुपये गलत हाथों में जाने से बचे हैं...आप सभी इसके लिए अभिनन्दन के अधिकारी हैं. आज ये पैसे गरीबों के काम आ रहे हैं, उनके जीवन को आसान बना रहे हैं. आज चुनौती ये नहीं है कि आप कितने efficient हैं, चुनौती ये तय करने में है कि जहां जो deficiency है वो कैसे दूर होगी.
  12. अफसरशाही फेल हुई तो देश को भुगतना पड़ेगा! अफसरशाही लड़खड़ाई तो युवाओं के सपने चकनाचूर हो जाएंगे! आपको इन बातों का ध्यान रखना होगा. नौकरशाही को 'भारत का फौलादी ढांचा' मानने वाले सरदार पटेल के सपनों को साकार करने की राह पर आपको आगे बढ़ना है. जीवन जीने के दो तरीके हैं- एक काम पूरा करना. दूसरा चीजों को होने देना. पूर्व एक सक्रिय दृष्टिकोण है, और बाद वाला निष्क्रिय दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है. पहला तरीका अपनाएं, और आप सही अर्थों में सफल होंगे! जब शासन अच्छा हो, जन-केंद्रित हो, विकास-केंद्रित हो, तो वह समाधान नहीं देता, बल्कि सर्वोत्तम परिणाम भी देता है; यह न केवल कल्याण सुनिश्चित करता है, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित करता है.
     
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