केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर डीपफेक (Deepfake) वीडियो और फेक कंटेंट से सख्ती से निपटने के लिए नया रेगुलेशन लाने का फैसला किया है. गुरुवार को कम्युनिकेशन और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, डीपफेक भारतीय लोकतंत्र के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है और इससे सख्ती से निपटने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों और सभी स्टेकहोल्डरों के साथ मिलकर एक नया एक्शन प्लान तैयार करने का फैसला किया है.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे डीपफेक वीडियो को लेकर बढ़ती चिंता और इस खतरे से निपटने के लिए भारत सरकार ने कानूनी कवायद शुरू कर दी है. डीपफेक के खिलाफ एक कारगर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए गुरुवार को केंद्रीय संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और उद्योग जगत के वरिष्ठ प्रतिनिधियों से मुलाकात की.
लगभग दो घंटे चली बैठक में सरकार और सोशल मीडिया कंपनियां के बीच इस बात पर सहमति बनी कि अगले 10 दिन में चार स्तर पर (4-pillared structure) पहल के लिए एक नया एक्शन प्लान तैयार होगा-
1. डीपफेक कंटेंट/सामग्री पोस्ट होने से पहले और बाद में कैसे जल्दी डिटेक्ट किया जाए.
2. डीपफेक कंटेंट वायरल होने से रोकने के लिए प्रभावी तंत्र होना चाहिए.
3. प्रभावी और शीघ्र रिपोर्टिंग और शिकायत निवारण तंत्र उपलब्ध होना चाहिए.
4. समाज में डीपफेक के खिलाफ व्यापक जागरूकता बढ़ाना जरूरी होगा.
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "हमें ऐसे लोगों की पहचान करनी होगी जो डीपफेक बना रहे हैं और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करनी है. हम या तो मौजूदा रेगुलेशंस में बदलाव करेंगे या नया रेगुलेशन लाएंगे या नया कानून लाएंगे."
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने सरकार और सोशल मीडिया कंपनियों के बीच एक चार-स्तरीय एक्शन प्लान पर सहमति के बाद नए नियमों का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जल्दी ही MyGov पोर्टल पर आम लोगों से उनके सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे.
अश्विनी वैष्णव ने कहा, "देश में detection mechanism and grievance Appellate mechanism को मजबूत करने की जरूरत है. हमारे पास जल्द ही नियमों का एक नया सेट होगा. हम आज से इस पर काम शुरू कर देंगे."
डीपफेक को लेकर बढ़ती चिंता के बीच कम्युनिकेशन और आईटी मंत्री ने दस दिन बाद दिसंबर के पहले सप्ताह में सोशल मीडिया कंपनियों और अन्य स्टेकहोल्डर्स के साथ दूसरी बैठक बुलाई है. बैठक में डीपफेक कंटेंट के खिलाफ प्रस्तावित नए नियमों की रूपरेखा पर विचार-विमर्श किया जाएगा और एक नए कानून बनाने के विकल्प पर भी चर्चा की जाएगी.