सरकार ने रविवार को अग्निपथ योजना (Agneepath Scheme) को बदलाव के साथ फिर से शुरू करने की खबरों को खारिज करते हुए सोशल मीडिया पर चल रहे इस आशय के संदेश को फर्जी बताया. सरकार ने स्पष्ट किया कि ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
प्रेस सूचना ब्यूरो ने अपने एक्स हैंडल पर स्पष्ट किया, "एक फर्जी व्हाट्सएप संदेश में दावा किया गया है कि अग्निपथ योजना को कई बदलावों के साथ समीक्षा के बाद 'सैनिक सम्मान योजना' के रूप में फिर से शुरू किया गया है, इसमें सेवा की अवधि को बढ़ाकर 7 साल करना, 60 प्रतिशत स्थायी कर्मचारी और बढ़ी हुई आय शामिल है... भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है."
विपक्ष ने अग्निपथ योजना को लेकर उठाए थे सवाल
शुरू से ही अग्निपथ योजना की आलोचना कर रहे विपक्ष ने लोकसभा चुनाव अभियान के दौरान आक्रामक रूप से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाया. कांग्रेस ने केंद्र में सत्ता में आने पर इस योजना को खत्म करने का वादा किया.
अग्निपथ योजना एक "टूर ऑफ़ ड्यूटी स्टाइल" योजना है, जिसे सितंबर 2022 में सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं में कमीशन प्राप्त अधिकारियों से नीचे के रैंक के सैनिकों की केवल चार साल की भर्ती के लिए लागू किया गया था.
इस प्रणाली के तहत भर्ती किए गए कर्मियों को अग्निवीर कहा जाएगा.
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