आर्यन खान ड्रग्स मामले (Aryan Khan Drugs Case) में हर रोज एक नया खुलासा होता जा रहा है. एनसीबी(NCB) के गवाह नंबर एक प्रभाकर सेल ने एनडीटीवी को बताया कि क्रूज पर जाने से पहले केपी गोसावी ने मुझे कुछ तस्वीरें भेजी थीं. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इन पर नजर रखना. मैं उन तस्वीरों में कौन थे, उन्हें नहीं जानता. इसके साथ ही प्रभाकर ने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं थी कि मुझे आर्यन खान मामले में पंच बनाया जा रहा है. प्रभाकर ने साथ ही बताया कि अभी मैंने कई सबूत दिए हैं, और भी कई चीजें हैं, जिन्हें जल्द ही पेश करूंगा. गोसावी के बारे में बताया कि 7 अक्टूबर को गोसावी से आखिरी मुलाकात हुई थी. इसके बाद उसने मुझे कॉल पर बताया था कि वह विदेश में हैं और जल्द ही पुलिस के सामने सरेंडर कर देंगे.
पुलिस सुरक्षा की जरूरत क्यों?
मुझे डर तो लगेगा ही ना. मेरे पास जो सबूत हैं, वो मैंने मीडिया को दिए हैं. मेरी जान को खतरा है. मेरे घर पर 8 से 9 बार पुलिस वालों ने जांच की है.
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25 करोड़ की डील क्या है?
मैंने एनसीबी दफ्तर के बाहर ही सैम को पहली बार देखा. आधे घंटे के भीतर यह लोग दो बार मिले. उसके बाद लोअर परेल जाते समय मैंने किरण गोसावी को सैम से बात करते सुना कि 25 करोड़ मांगो, 18 करोड़ में फाइनल करो, समीर वानखेड़े (Sameer Wankhede) को 8 देना है.
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कोरे कागज पर दस्तखत
एनसीबी आफिस में मुझे ऊपर बुलाया गया. मेरा ऊपर कुछ काम ही नहीं था, क्योंकि मैं उनका पर्सनल बॉडीगार्ड हूं. 12.45 बजे के करीब मुझे किरण गोसावी ने ऊपर बुलाया और कहा कि मुझे दस्तखत करने हैं. एनसीबी के अधिकारी मेरे पास आए और पेपर रखकर मुझे दस्तखत करने को कहा. मैंने जब कहा कि यह पेपर कोरे हैं, तो पीछे से समीर वानखेड़े आए और उन्होंने कहा कि दस्तखत करो, कुछ नहीं होता है. वानखेड़े के साथ किरण गोसावी ने भी कहा कि दस्तखत करो. कम से कम 9 से 10 पेपर पर मुझसे दस्तखत लिए गए. उसके बाद मुझसे आधार कार्ड मांगा गया, तब मुझे शक हुआ और मैंने कहा कि व्हॉट्सऐप पर मैं आपको आधार कार्ड देता हूं.
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सेल ने कहा, समीर सालेकर नाम के एनसीबी अधिकारी थे, उनके व्हॉट्सऐप पर मैंने मेरा आधार कार्ड भेज दिया. यह वहीं सालेकर हैं, जिन्होंने मुझसे पेपर पर दस्तखत करवाए. मुझे कोई जानकारी नहीं थी कि मुझे पंच बनाया जा रहा है. ऊपर जब बुलाया गया, तब ही मुझे यह समझ आया कि पंचनामा पर मुझसे साइन लिया जा रहा है. मुझे फोन कर किरण गोसावी ने कहा कि साहब बुला रहे हैं, तुम्हें पंचनामा में दस्तखत करने के लिए. कोरे कागज पर दस्तखत करने से पहले मैंने ऑब्जेक्शन उठाया था, लेकिन इतने अधिकारी थे, इसलिए इनके बीच मैं क्या बहस करता. इसलिए मैंने दस्तखत कर दिया.
गोसावी ने भेजी थीं तस्वीरें
क्रूज पर जाने से पहले किरण गोसावी ने कई तस्वीरें दी थी, लेकिन मुझे नहीं पता था कि किसकी तस्वीरें हैं. मुझे कहा गया था इन पर नजर बनाए रखना.
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एनसीबी दफ्तर में बनाया वीडियो
मेरे दस्तखत लिए जाने के बाद मैंने आर्यन खान को देखा. आर्यन खान के साथ दूसरे आरोपी जो थे, उन्हें अलग रखा गया था. ऐसा क्यों किया गया? गवाह आर्यन खान के पास क्यों बैठे थे? वहाँ अधिकारी थे लेकिन किसी ने कुछ नहीं कहा. जो वीडियो है, वो एनसीबी दफ्तर का ही है, मैंने बनाया है वो वीडियो. दूरी होने के वजह से बातचीत सुनाई नहीं दी.
पैसा लेकर बीवी के साथ चला गया था गोसावी
पूजा ददलानी मशहूर हैं. जब मैंने देखा तो मैं उन्हें पहचान गया. बाद में मैंने गूगल पर देखा, तो वही निकलीं. शाहरुख खान के नाम का ज़िक्र हुआ था, उसमें गोसावी ने कहा था कि शाहरुख खान की मैनेजर से 25 मांगो, 18 में फाइनल करो, 8 समीर वानखेड़े को देना है. मुझे महालक्ष्मी से 50 लाख रुपये लेने बोला गया. ताड़देव पर इंडियाना होटल के यहां 25 से 30 साल के बीच के दो लोग थे, उन्होंने पैसे दिए. दोनों नए चेहरे थे. पैसे गोसावी को देने के बाद वो अपनी पत्नी के साथ बैग लेकर निकल गए.
गोसावी ने कहा था सरेंडर कर दूंगा
5 अक्टूबर को किरण गोसावी और मैं सातारा चले गए. 6 तारीख को हम मुंबई आ गए. 7 तारीख की शाम को लोनावला में किरण गोसावी रुके हुए थे. वहां मेरी आखिरी मुलाकात हुई. मुझे भी 5 हजार रुपए दिए और कहा कपड़े ले लेना. 21 अक्टूबर को किरण गोसावी की पत्नी ने मुझे फोन किया और कहा कि टेलीग्राम ऐप डाउनलोड करो, आपको कॉल आएगा. मैंने उनसे कहा कि मैं मुम्बई में हूँ, मुझे जानना था यह कहां हैं. गोसावी ने कहा कि मैं विदेश में हूँ, आज नहीं तो कल मैं सरेंडर हो जाऊंगा. मैंने यह सब बातें अपने बयान में कही हैं. उन्होंने मेरा वेतन भी नहीं दिया. बच्चों के जन्मदिन के समय भी पैसे नहीं मिले. फीस भरने के लिए गोसावी ने जो चेक दिया, वो बाउंस हो गया.
मेरे पास और भी सबूत हैं
मेरे पास बहुत सबूत हैं. और भी कई चीजें हैं, उसे मैं पेश करूंगा. गवाहों में पहला नाम मेरा. दूसरा फरार हो गया, तीसरा बीजेपी कार्यकर्ता निकला. मैं ईमानदार हूं और यहां मुझे कोई सपोर्ट नहीं कर रहा था. मेरे घर पर पुलिस फोन कर रही थी, इसलिए मैंने सुरक्षा की मांग की.
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