कथित रूप से गोरखपुर पुलिस की पिटाई के बाद मारे गए कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट से पता चला है कि उनकी मौत जानलेवा चोटों की वजह से हुई है. उनके पूरे जिस्म पर गंभीर चोटें मिली हैं, जिसमें सिर में बाहरी और अंदरूनी दोनों चोटें हैं. रिपोर्ट में सामने आया है कि वो गंभीर चोट लगने की वजह से कोमा में चले गए थे. इस पूरे मामले हर आए दिन गोरखपुर पुलिस की भूमिका और काली होती जा रही है. अब तक इस मामले में आधा दर्जन पुलिसवालों पर हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ है. वहीं, व्यवसायी की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता अपने पति को इंसाफ दिलाने के लिए पुलिसवालों को हत्या की सजा दिलवाने के लगातार आवाज उठा रही हैं.
कानपुर के रहने वाले 36 साल के मनीष गुप्ता 20 सितंबर सोमवार को गोरखपुर घूमने गए थे. आधी रात में कुछ पुलिसकर्मियों ने होटल के कमरे पर छापा मारा. आरोप है कि वजह पूछने पर पुलिस वाले नाराज हो गए और उन्होंने मनीष को इतनी बुरी तरह पीटा कि उनकी मौत हो गई.
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पोस्टमोर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, उनके सिर में सामने की तरफ 5 सेंटीमीटर लंबी और 4 सेंटीमीटर चौड़ी गहरी चोट थी. सिर के इस हिस्से में सूजन भी मिली है. उनकी बायीं आंख के ऊपर की हड्डी में चोट थी. उनका होंठ सूजा हुआ था. उनकी कुहनी भी कटी हुई थी. उनकी बाहों में और सिर में अंदरूनी चोट थी. जिस्म में कुछ नीलापन भी मिला है. पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट में लिखा है कि मरने से पहले वो इन चोटों की वजह से बेहोश हो गए थे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर दुख जताते हुए कहा कि किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने 'कू' पर लिखे अपने संदेश में कहा कि सबकी जवाबदेही तय की जाएगी.