डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा फीस बढ़ाकर एक लाख डॉलर तक करने का निर्णय लिया, जिससे IT कंपनियों में चिंता बढ़ी अमेरिका की टेक कंपनियां भारत समेत अन्य देशों से इंजीनियरों और वैज्ञानिकों को H-1बी वीजा पर रोजगार देती हैं विशेषज्ञों का मानना है कि फैसले से अमेरिकी अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा, विदेशी प्रतिभा के पलायन की संभावना