गोपालगंज जहरीली शराब कांड में पटना हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने सभी नौ दोषियों की फांसी की सजा को रद्द कर दिया है. इसके साथ ही उम्रकैद की सजा पाई 4 महिलाओं को भी बरी कर दिया है. दरअसल, 16 अगस्त 2016 को कच्ची शराब पीने से 20 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं कुछ लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई थी. हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर सभी सुनवाई एक साथ पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था.बुधवार को हाईकोर्ट ने 89 पन्नों के फैसले में इनकोकी फांसी की सजा को रद्द कर दिया.
हाईकोर्ट ने कहा कि जानकारी होने के बावजूद गोपालगंज थाने के SHO FIR करने में असफल रहे. साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि किसी ने भी जांच के दौरान किसी भी मृतक का नाम नहीं बताया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी पेश करने में असफल रहे, जिससे ये साबित हो उनकी मौत जहरीली शराब से हुई. जब्त आपत्तिजनक सामग्री को भी कोर्ट में पेश नहीं किया गया. जब्त सामग्री कहां गई कुछ जानकारी नहीं थी. न ही उस जगह के बारे में कोई सबूत दिया.
बता दें कि निचली अदालत ने 5 मार्च को खजूरबानी शराब कांड में 9 दोषियों कोफांसी की सजा और चार महिलाओं को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने 26 फरवरी 2021 को 13 लोगों को दोषी करार दिया था,जिसमें से 11अभी भी जेल में हैं. 16 अगस्त 2016 को खजूरबानी मोहल्ले के ज्यादातर घरों में किसी न किसी की मौत हुई थी. जहरीली शराब की वजह से कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी.
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