गैंगवार में नया मोड़: गोल्डी-गोदारा-भट्टी सभी दोस्त बने दुश्मन… आखिर लॉरेंस बिश्नोई क्यों पड़ गया अकेला?

लॉरेंस बिश्नोई, जो भारत के सबसे कुख्यात गैंगस्टरों में से एक है, जेल की सलाखों के पीछे से भी अपने साम्राज्य को चला रहा है. लेकिन 2025 में उसके गैंग में फूट पड़ गई है. उसके सबसे करीबी सहयोगी, जैसे गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, शहजाद भट्टी और इंद्रप्रीत उर्फ पैरी, या तो अलग हो गए हैं या गद्दार ठहराए जाने के बाद निशाना बने हैं.

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लॉरेंस बिश्नोई, गोल्डी बराड़, शहजाद भट्टी और रोहित गोदारा.
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  • अंडरवर्ल्ड दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई का पहले पूरा गैंग उसके इशारों पर चलता था लेकिन हालात बदल गए हैं.
  • 2024 में अनमोल बिश्नोई के अमेरिका में गिरफ्तारी के बाद गोल्डी बराड़ ने लॉरेंस से दूरी बना ली और गैंग अलग हुए.
  • लॉरेंस और गोल्डी के बीच विवाद के बाद उनके समर्थक गैंगस्टर एक-दूसरे के खिलाफ हो गए हैं.
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पंजाब–हरियाणा की अंडरवर्ल्ड दुनिया में लॉरेंस बिश्नोई कभी एक ऐसा नाम था जिसके इशारे पर पूरी गैंग काम करती थी. गोल्डी बराड़, रोहित गोदारा, शहजाद भट्टी, दीपक टीनू जैसे कई नाम उसके भरोसेमंद चेहरों में गिने जाते थे. लेकिन बीते दो सालों में हालात बिल्कुल बदल चुके हैं. कभी लॉरेंस के ‘राइट हैंड' कहे जाने वाले गोल्डी बराड़ ने उससे दूरी बना ली है. इसके अलावा रोहित गोदारा और अब शहजाद भट्टी भी अपना अलग रास्ता चुन चुके हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल है कि लॉरेंस के करीबियों का सर्किल क्यों टूट रहा है? आखिर क्यों उसके साथी एक-एक कर छिटकते जा रहे हैं और कैसे अब लॉरेंस गैंग का साम्राज्य धीरे-धीरे गिरता जा रहा है.

कॉलेज की दोस्ती से गैंग के दो शीर्ष तक का सफर

दोनों की जान-पहचान कॉलेज और जेल–सम्पर्क से शुरू हुई. लॉरेंस ने शुरुआती दौर में गोल्डी को फ्रंटलाइन में लाकर कई ऑपरेशन उससे करवाए. सिद्धू मूसेवाला, बाबा सिद्दीकी की हत्या, सलमान के घर फायरिंग कराने जैसी कई बड़ी वारदातों को लॉरेंस और गोल्डी ने मिलकर ही अंजाम दिया. इस साझेदारी ने तीन साल में बिश्नोई गैंग को नई ऊंचाई पर पहुंचाया.

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लॉरेंस गैंग से क्यों अलग हुआ गोल्डी? 

लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़

सूत्रों की मानें तो 2024 में अमेरिका में अनमोल बिश्नोई के पकड़े जाने के बाद विवाद शुरू हुआ. लॉरेंस बिश्नोई गैंग को लगा कि गोल्डी बराड़ ने अनमोल के अमेरिका में पकड़े जाने के बाद कानूनी तौर पर उसकी ठीक से मदद नहीं की है. उसके बाद इसी साल की शुरुआत में दोनों गैंग एक दूसरे से अलग हो गए, इसी के साथ दोनों गैंग्स के बड़े गैंगस्टर भी पाला बदलने गए. इसके बाद से ही दोनों गैंगस्टर के बीच गैंगवॉर शुरू हुआ. इस गैंगवॉर के बीच कई बड़े गैंगस्टर ने एक दूसरे के खिलाफ पाला बदला. अब गोल्डी बराड़ के गैंग में रोहित गोदारा, जीशान अख्तर, वीरेंद्र चारण, महेंद्र सरन डेलाना, विक्की पहलवान कोटकपूरा, पाकिस्तानी शहजाद भट्टी जैसे गैंगस्टर हैं. जबकि बाहर से उन्हें हिमांशु भाऊ, बम्बिहा, कौशल चौधरी, जग्गू भगवानपुरिया, टिल्लू ताजपुरिया और नीरज बवानिया जैसे गैंग सपोर्ट करते हैं.

जिसकी टीशर्ट पर 2 नंबर लिखा है वो गैंगस्टर इंद्रप्रीत पैरी, Right में लाल और काली टीशर्ट में गोल्डी बराड़ और सफेद कपड़े पहने लॉरेंस बिश्नोई

रोहित गोदारा ने भी बनाया अलग गैंग 

कुछ साल पहले तक रोहित और लॉरेंस की दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों ने मिलकर गोल्डी बराड़ के साथ एक तिकड़ी बनाई थी. लेकिन सूत्रों की मानें तो सोशल मीडिया पर वारदातों की जिम्मेदारी लेने को लेकर दोनों के बीच मनमुटाव बढ़ा और आखिरकार रोहित और लॉरेंस की दोस्ती दुश्मनी में बदल गई. अब हालात यह हैं कि दोनों अपने-अपने गैंग एक-दूसरे के खून को प्यासे हैं.

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कभी दोस्त हुआ करते थे भट्टी और बिश्नोई

लॉरेंस की इस गैंग में कभी शहजाद भट्टी भी हुआ करता था. शहजाद भट्टी एक वक्त में लॉरेंस बिश्नोई का करीबी दोस्त था. ईद के मौके पर जेल में बंद लॉरेंस से उसकी वीडियो कॉल भी वायरल हुई थी, जिसमें भट्टी कह रहा था कि 'लॉरेंस गैंग के लिए मैं गर्दन कटवाने को भी तैयार हूं.' लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद लॉरेंस बिश्नोई ने सोशल मीडिया पर हाफिज सईद को मारने की धमकी दी थी. उसी के बाद से दोनों में दुश्मनी शुरू हो गई और भट्टी लॉरेंस का खुला दुश्मन बन गया. शहजाद भट्टी पाकिस्तान का कुख्यात गैंगस्टर है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अभी वह दुबई में रहकर कई देशों में आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिलवाता है. भट्टी का लिंक बलूचिस्तान के कुख्यात फारुख खोकर गैंग से भी जुड़ता है. भट्टी खोकर गैंग का अहम सदस्य माना जाता है.

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लॉरेंस बिश्नोई, शहजाद भट्टी और अनमोल बिश्नोई

जीशान अख्तर भी हुआ अलग

हाल ही में बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के मुख्य शूटर जीशान अख्तर ने भी एक वीडियो जारी किया था. उसमें जीशान ने कहा, 'लॉरेंस बिश्नोई के कहने पर मैंने बाबा सिद्दीकी को मारा, लेकिन बाद में लॉरेंस गैंग मुझे ही खत्म करना चाहता था. अच्छा हुआ शहजाद भट्टी भाई ने मुझे भारत से निकाल दिया.'

गोल्डी बराड़ और शहजाद भट्टी का अलग होना सिर्फ गैंग में दरार नहीं, बल्कि लॉरेंस के साम्राज्य के पतन की शुरुआत माना जा रहा है.

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