गोवा नाइटक्लब मालिकों को थाईलैंड से भारत लाना कितना मुश्किल? जानें कौन हैं देश के टॉप-5 भगोड़े

आग से 25 लोगों की मौत के बाद गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्‍लब के मालिक कुछ ही घंटों में देश छोड़कर थाईलैंड चले गए. ऐसे में सवाल है कि इन्‍हें वापस लान कितना मुश्किल है.

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  • गोवा के बर्च बाय रोमियो नाइटक्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हुई और मालिक देश छोड़कर थाईलैंड भाग गए.
  • भारत और थाईलैंड के बीच मई 2013 में प्रत्यार्पण संधि हुई है, जिससे अपराधियों को वापस लाना संभव है.
  • नाइटक्लब मालिकों को भगोड़ा घोषित करना प्रत्यार्पण प्रक्रिया का पहला कदम होता है जो अभी तक नहीं हुआ है.
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नई दिल्‍ली:

गोवा के 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइटक्‍लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई. इस घटना के कुछ ही घंटों में नाइटक्‍लब के मालिक चुपचाप देश से बाहर निकल गए. गौरव लूथरा और सौरभ लूथरा घटना के तुरंत बाद थाइलैंड के एक बेहद फेमस टूरिस्‍ट स्‍पॉट फुकेट भाग गए. अपराध के बाद देश छोड़कर निकल जाने वालों का इतिहास नया नहीं है. विभिन्‍न मामलों में आरोपी अक्‍सर देश छोड़कर के विदेश भाग जाते हैं. भारतीय एजेंसियां कई बार ऐसे लोगों को लाने का प्रयास भी करती हैं, लेकिन कई बार यह बेहद मुश्किल होता है. ऐसे में नाइटक्‍लब मालिकों के थाइलैंड भागने के बाद कई सवाल उठ रहे हैं.

दूसरे देश से अपराधियों का प्रत्‍यर्पण हमेशा से ही बेहद मुश्किल होता है. दरअसल, जब प्रत्‍यर्पण की कोशिश की जाती है तो अपराधी अक्‍सर उस देश की अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं और शरण मांगने सहित कई तरह के दलीलें देकर के वहीं रुकने का प्रयास करते हैं. हालांकि भारतीय एजेंसियां अपने काम में जुटी रहती हैं. कई देशों से अपराधियों को पहले भी भारत लाया गया है. 

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थाईलैंड के साथ भारत की 12 साल पुरानी प्रत्‍यर्पण संधि

  • नाइटक्‍लब मालिकों के थाइलैंड भाग जाने के बाद कुछ सवाल बार-बार उठ रहे हैं, जिनमें लगातार पूछा जा रहा है कि क्‍या उन्‍हें भारत लाया जा सकेगा और अगर हां तो इसमें कितना वक्‍त लग सकता है. दरअसल, यह कई बातों पर निर्भर करता है. इसमें सबसे पहला कदम है प्रत्‍यर्पण संधि, यदि दोनों देशों के बीच प्रत्‍यर्पण संधि नहीं है तो ऐसे में किसी व्‍यक्ति को लाना बेहद मुश्किल होता है. हालांकि इस मामले में थाईलैंड के साथ भारत की प्रत्‍यर्पण संधि है.  
  • मई 2013 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की दो दिवसीय थाईलैंड यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच प्रत्‍यर्पण संधि पर हस्‍ताक्षर किए गए थे. इसके बाद अपराधियों को एक दूसरे को सौंपे जाने का रास्‍ता साफ हो गया था. इस संधि के बाद यदि किसी व्‍यक्ति पर अदालत में कोई मामला चल रहा है तो उसे भारत लाया जा सकता है.
  • अभी तक नाइटक्‍लब के दोनों मालिको को भगोड़ा घोषित नहीं किया गया है, प्रत्‍यर्पण की प्रक्रिया के लिए दोनों को सबसे पहले भगोड़ा घोषित किया जाता है और उसके बाद ही अगला कदम उठाया जाता है. 
  • भारत की कई देशों के साथ प्रत्‍यर्पण संधि है. इनमें ऑस्‍ट्रेलिया, बहरीन, बेलारुस, बेल्जियम, भूटान, बुल्‍गारिया, कनाडा, मिस्र, फ्रांस, हांगकांग, कुवैत, मलेशिया, मॉरीशस, मेक्सिको, नेपाल, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, स्‍पेन स्विट्जरलैंड सहित करीब 50 देश शामिल हैं.

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बैंकों को 57 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान

देश में प्रत्यर्पण संधि की बात आती है तो सबसे पहले आर्थिक अपराधों से जुड़े कुछ नामचीन लोगों के नाम सामने आते हैं. हाल ही में केंद्रीय वित्त राज्‍य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में जानकारी दी कि किंगफिशर एयरलाइंस के विजय माल्या, फायरस्टार इंटरनेशनल के नीरव मोदी और स्टर्लिंग बायोटेक और स्टर्लिंग एसईजेड के नितिन संदेसरा सहित 15 लोगों को 31 अक्टूबर तक अलग-अलग बैंकों को 57 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान पहुंचाने के लिए भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है.

चौधरी ने बताया कि फ्यूजिटिव इकोनॉमिक ऑफेंडर्स एक्ट, 2018 के नियमों के तहत भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किए गए 15 लोगों ने 31 अक्टूबर, 2025 तक बैंकों को प्रिंसिपल अमाउंट के तौर पर 26,645 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान पहुंचाया. वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि एनपीए की तारीख से 31 अक्टूबर तक जमा हुए ब्याज के रूप में 31,437 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है. चौधरी ने कहा कि 31 अक्टूबर तक 15 लोगों से कुल 19,187 करोड़ रुपए वसूले गए.

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ये हैं देश के टॉप आर्थिक भगोड़े 

  1. विजय माल्‍या: एसबीआई के मामले में किंगफिशर एयरलाइंस के विजय माल्या ने प्रिंसिपल अमाउंट में 6,848 करोड़ रुपए और ब्याज में 11,960 करोड़ रुपए का नुकसान किया. वित्त राज्य मंत्री के एक बयान के अनुसार, 31 अक्टूबर, 2025 तक बैंक ने माल्या से 10,814 करोड़ रुपए रिकवर किए. बैंक ऑफ बड़ौदा को माल्या ने 494.33 करोड़ रुपए (मूल रकम) और 1,341.87 करोड़ रुपये (ब्याज) का नुकसान पहुंचाया, जबकि बैंक ने उससे 995.55 करोड़ रुपए वसूले.
  2. नीरव मोदी: पंजाब नेशनल बैंक के मामले में नीरव मोदी-नॉन-बॉरोअल फ्रॉड कुल 6,799 करोड़ रुपए का है. बैंक को हुए इस नुकसान के बदले 93.21 करोड़ रुपए रिकवर किए गए हैं. इसके अलावा, नीरव मोदी की फायरस्टार इंटरनेशनल लिमिटेड ने बैंक को 297 करोड़ रुपए (मूल रकम) और 324 करोड़ रुपए (ब्याज) से ज्यादा का नुकसान पहुंचाया, जबकि बैंक ने उससे 163 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूले. वहीं नीरव मोदी ने फायरस्टार ग्रुप के प्रतिनिधि के तौर पर बैंक ऑफ बड़ौदा को 301.98 करोड़ रुपए (मूल रकम) और 206.40 करोड़ रुपए (ब्याज) का नुकसान पहुंचाया, जबकि बैंक उनसे 99.24 करोड़ रुपए वसूलने में कामयाब रहा.
  3. मेहुल चोकसी: हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक से करीब 13,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है. भारत सरकार बेल्जियम से चोकसी को लाने के लिए कोशिश कर रही है. बेल्जियम का सुप्रीम कोर्ट मेहुल चोकसी की प्रत्यर्पण अपील पर 9 दिसंबर को सुनवाई करेगा. इसके बाद ही तय होगा कि वह भारत आएगा या नहीं.
  4. ललित मोदी: ललित मोदी पर आईपीएल प्रमुख के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान नीलामी में कथित तौर पर हेराफेरी का आरोप लगा है. मोदी 2010 से ब्रिटेन में रह रहे हैं. उन पर दो टी फ्रेंचाइजी की नीलामी के दौरान हेराफेरी करने का आरोप है.
  5. नितिन संदेसरा: स्‍टर्लिंग बायोटेक के मालिक नितिन जे संदेसरा को भी भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया है. उनके खिलाफ 5700 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड और मनी लॉर्न्डिंग के आरोप हैं. 2017 में यह अपने परिवार सहित दुबई के रास्‍ते नाइजीरिया चले गए थे. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने सुनाए फैसले में 5100 करोड़ रुपए के निस्‍तारण की पेशकश को स्‍वीकार कर लिया था.
  6. चेतन संदेसरा: स्‍टर्लिंग बायोटेक मामले में.
  7. दीप्ति सी संदेसरा: स्‍टर्लिंग बायोटेक मामले में.
  8. हितेश कुमार नरेंद्रभाई पटेल: स्‍टर्लिंग बायोटेक मामले में.
  9. पुष्पेश कुमार बैद: स्‍टर्लिंग बायोटेक मामले में.
  10. सुदर्शन वेंकटरमन: जायलॉग सिस्‍टम्‍स से जुड़े मामले में.
  11. रामानुजम शेषरत्नम:  जायलॉग सिस्‍टम्‍स से जुड़े मामले में. 

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