आज दुनिया के हर 100 डिजिटल ट्रांजेक्शन में से 50 अकेले भारत के हैं: पीएम मोदी

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के कारगर इस्तेमाल में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि AI से फ्रॉड रियल टाइम में डिटेक्ट हो सकते हैं.

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  • पीएम मोदी ने बताया भारत में यूपीआई के जरिए हर महीने 20 अरब से ज्यादा लेनदेन हो रहे हैं
  • पीएम मोदी ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को भारत का गुड गवर्नेंस मॉडल बताते हुए इसे देश के हर नागरिक के लिए सुलभ बताया
  • पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल भुगतान में गति और विश्वास प्राथमिकता है और AI फ्रॉड रोकने में मदद करेगा
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"आप यूपीआई के ट्रांजेक्शन देखिए, आज हर महीने 20 बिलियन ट्रांजेक्शन हो रहे हैं, इनकी वैल्यू 25 ट्रिलियन रूपये, यानी 25 लाख करोड़ रुपए से अधिक है. आज दुनिया के हर 100 रियल टाइम डिजिटल ट्रांजेक्शन में से 50 अकेले भारत में होते हैं", पीएम मोदी ने मुंबई में ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल को संबोधित करते हुए यह अहम जानकारी साझा की. ग्लोबल फिनटेक फेस्टिवल पांच साल पहले शुरू हुआ था और यह अब फेस्टिवल फाइनेंशियल इनोवेशन और फाइनेंशियल कॉरपोरेशन का ग्लोबल प्लेटफॉर्म बन गया है. इस बार इस फेस्टिवल में यूके एक पार्टनर देश के रूप में शामिल है. यूनाइटेड किंगडम के प्राइम मिनिस्टर कीर स्टार्मर ने भी इस फेस्टिवल में गुरुवार को भाग लिया.  

'डिजिटल टेक्नोलॉजी, भारत का गुड गवर्नेंस मॉडल'

भारत में डिजिटल टेक्नोलॉजी का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "इसको देश के हर सिटीजन, हर रीजन के लिए एक्सेसेबल बनाया गया है. आज यह भारत का गुड गवर्नेंस मॉडल बन चुका है. आज भारत में डिजिटल पेमेंट्स एक रूटीन बन चुका है और इसका सबसे बड़ा क्रेडिट जैम ट्रिनिटी, यानी जनधन, आधार और मोबाइल को जाता है".

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,

"आज भारत के डिजिटल स्टेक की चर्चा पूरी दुनिया में है. भारत का यूपीई- UPI आधार पेमेंट्स सिस्टम, भारत बिल पेमेंट्स सिस्टम, Bharat-QR, DigiLocker, DigiYatra, ये सब भारत की डिजिटल इकॉनॉमी की रीढ़ हैं. और मुझे खुशी है कि इंडियन स्टेक अब नए ओपन इकोसिस्टम को जन्म दे रहा है. आप में से बहुत लोग परिचित नहीं होंगे शायद, ONDC यानी ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स, छोटे दुकानदारों और MSMEs के लिए वरदान बन रहा है. अब ये पूरे देश के मार्केट तक पहुंच पा रहे हैं. मुझे विश्वास है कि आरबीआई जिस करेंसी की तरफ आगे बढ़ रहा है, उससे भी चीजें बहुत बेहतर होंगी".

पिछले कुछ साल में भारत सरकार ने सक्रियता से डिजिटल टेक्नोलॉजी को दुनिये के कई देशों के साथ साझा किया है. भारत में विकसित हुआ MOSIP (Modular Open-Source Identity Platform) इसका एक महत्वपूर्ण उदाहरण है. आज 25 से से ज्यादा देश इसे अपने सॉवरेन डिजिटल पहचान प्रणाली बनाने के लिए अपना रहे हैं. भारत दूसरे देशों के साथ ज़रूरी टेक्नॉलॉजी शेयर करने के साथ ही टेक्नॉलॉजी डेवलप करने में भी मदद कर रहा है.

डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर के कारगर इस्तेमाल में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि AI से फ्रॉड रियल टाइम में डिटेक्ट हो सकते हैं.

'पेमेंट्स में हमारी प्रियॉरिटी स्पीड और विश्वास है'

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज दुनिया में एआई के लिए ट्रस्ट और सेफ्टी रूल्स को लेकर डिबेट चल रही है. हम एआई में भी ऐसे प्लेटफॉर्म विकसित करना चाहते हैं, जिस पर इनोवेटर्स इंक्लूसिव ऐप्लीकेशन्स डेवलप कर सकें. पेमेंट्स में हमारी प्रियॉरिटी स्पीड और विश्वास है. AI इस ट्रांसफॉर्मेशन की शक्ति बन सकता है. इसके लिए AI एप्लीकेशन्स का डिज़ायन लोगों को ध्यान में रखकर करना होगा. जो व्यक्ति पहली बार डिजिटल फाइनेंस इस्तेमाल कर रहा है, उसे यह भरोसा होना चाहिए कि कमियों का निदान जल्दी".

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