गुजरात के सुंदरगढ़ में  बोरवेल में गिरी बच्ची को सुरक्षित निकाला 

गुजरात (Gujarat) के सुंदरगढ़ (Sundergarh) जिले में बोरवेल (Borewell) में गिरी 12 साल की बच्ची को पांच घंटे के बाद निकाल लिया गया है. लेकिन एक बार फिर खुला छोड़ दिए गए बोरवेल का खतरा सामने आया है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए वर्ष 2009 में उच्चतम न्यायालय ने दिशानिर्देश जारी किए थे.
मुंबई:

गुजरात (Gujarat) के सुंदरगढ़ (Sundergarh) जिले में बोरवेल (Borewell) में गिरी 12 साल की बच्ची को पांच घंटे के बाद निकाल लिया गया है. लेकिन एक बार फिर खुला छोड़ दिए गए बोरवेल का खतरा सामने आया है. सुंदरगढ़ जिले में इसी साल नौ जून को दो साल का एक बच्चा खेत में छोड़े गए बोरवेल में गिर गया था. इसके बाद सेना, अग्निशमन दल, पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारी मौके पर पहुंचे और उसे बचाया गया.

इसी प्रकार बोरवेल में गिरने की कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

वर्ष 2006 में हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले के एक गांव में प्रिंस कुमार कश्यप नामक पांच साल का बच्चा 55 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था, जिसके बाद बड़े पैमाने पर बचाव अभियान चलाया गया था. इस बचाव अभियान पर पूरे देश की नजर थी और अंतत: 48 घंटे की मशक्कत के बाद बच्चे को सुरक्षित निकालने में सफलता मिली. इस साल 22 मई को पंजाब के होशियारपुर जिले के एक गांव में छह वर्षीय लड़का करीब 100 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था और नौ घंटे की मशक्कत के बाद भी उसे बचाया नहीं जा सका.

पिछले साल 15 नवंबर को महाराष्ट्र के नासिक जिले में छह वर्षीय रितेश जयसिंह सोलंकी नामक लड़का करीब 200 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. उसे बचाने के लिए पुलिस ने 16 घंटे तक बचाव अभियान चलाया. जून 2019 में दो वर्षीय फतेहवीर सिंह खेलते समय 120 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया, उसे बचाने के लिए करीब 109 घंटे का बचाव अभियान चला, यहां तक इस अभियान में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम भी लगाई गई, लेकिन उसे सुरक्षित नहीं निकाला जा सका.

Advertisement

मई 2019 में जोधपुर जिले के मेलाना गांव में चार वर्षीय सीमा नाम की लड़की 440 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई. वह 260 फुट की गहराई पर फंसी थी और 14 घंटे के बाद उसका शव ही निकाला जा सका. मार्च 2019 में हरियाणा के हिसार जिले के बलसमंद गांव में डेढ़ वर्ष का मासूम नदीम 55 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया. सेना और एनडीआरएफ की टीम ने तत्काल बचाव अभियान शुरू किया और करीब 48 घंटे के अभियान के बाद उसे अंतत: बचा लिया गया. इस बचाव अभियान में करीब 40 जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया.

Advertisement

जून 2012 में दोस्तों के साथ खेलते वक्त पांच वर्षीय माही नामक लड़की 60 फुट गहरे बोरवेल में गिर गई थी और तमाम कोशिशों के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका. फरवरी 2017 में पुणे जिले में छह वर्षीय एक लड़का 200 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. वहीं, मई 2017 में महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के कोपरगांव तहसील में सात वर्षीय साई बाहते भी बोरवेल में गिर गया था जिसे बचाया नहीं जा सका.

Advertisement

इस साल जून में छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चंपा जिले में 11 वर्षीय राहुल साहू बोरवेल में गिर गया था और उसे बचाने के लिए 104 घंटे का बचाव अभियान चला था. बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं पर संज्ञान लेते हुए वर्ष 2009 में उच्चतम न्यायालय ने दिशानिर्देश जारी किए थे. इन दिशानिर्देशों को शीर्ष अदालत ने वर्ष 2010 में संशोधित किया.

Advertisement


 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Gurdaspur Police ने दो Pakistani जासूसों को किया गिरफ्तार, ISI कनेक्शन आरोप | Operation Sindoor
Topics mentioned in this article