घाटकोपर होर्डिंग हादसे के मामले में फरार मुख्य आरोपी भावेश भिंडे को पुलिस ने शुक्रवार को उदयपुर से गिरफ्तार किया गया है. मुंबई पुलिस को भिंडे पर नजर रखने के लिए आठ टीमों को तैनात करना पड़ता था, जो चौबीसों घंटे काम करती थीं और आखिरकार पुलिस ने भिंडे को दबोच ही लिया.
भावेश को मुंबई क्राइम ब्रांच पूरे देश में ढूंढ रही थी आखिरकार वह उदयपुर में एक होटल मे छिपा हुआ मिला. मुंबई में हुए खौफनाक हादसे के चार दिन बाद यह बहुत इस मामले में ये गिरफ्तारी हुई है. क्राइम ब्रांच का यह अभियान इतना टॉप सीक्रेट था कि उदयपुर पुलिस को भी इसकी बिल्कुल भनक तक नहीं लग पाई. आपको बता दे कि मुंबई लगा होर्डिंग पूरी तरह से अवैधता और बिना अनुमति के लगाया गया था. मुंबई क्राइम ब्रांच अभी आरोपी को लेकर मुंबई रवाना हो चुकी है.
टीम ने खुलासा किया कि भावेश भिंडे, पुलिस कार्रवाई के बारे में जानने के बाद, अगले दिन अकेले मुंबई लौटने से पहले अपने ड्राइवर के साथ लोनावला भाग गया. इसके बाद, उन्होंने ठाणे की यात्रा की. वह अहमदाबाद में रिश्तेदार के पास रुका. अंततः उसने उदयपुर के एक होटल में शरण ली, जहां से क्राइम ब्रांच से उसे गिरफ्तार किया.
उदयपुर के होटल में कमरा बुक करने के लिए भिंडे अपने भाई के नाम का इस्तेमाल किया था. उदयपुर ऑपरेशन इतना गोपनीय था कि स्थानीय पुलिस को भी सूचित नहीं किया गया कि भिंडे को पकड़ने के लिए एक टीम शहर में थी.
14 मई को मुंबई में आए धूल भरे तूफान में उनकी कंपनी द्वारा लगाए गए होर्डिंग के गिरने के बाद भावेश भिंडे के खिलाफ जुर्माना लगाया गया था. इस हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई और कम से कम 74 अन्य लोग घायल हो गए थे. घटना के बाद से ही एफआईआर में वांछित आरोपी भावेश भिंडे फरार चल रहा था. उसके खिलाफ पहले से ही 20 से अधिक मामले दर्ज हैं, जिसमें बलात्कार का एक मामला भी शामिल है. बता दें कि भावेश भिंडे विज्ञापन एजेंसी, ईगो मीडिया प्राइवेट लिमिटेड का मालिक है, जिसने होर्डिंग लगाए थे.
घाटकोपर में ईंधन स्टेशन पर जो होर्डिंग गिरी, वह 120X120 फुट की संरचना थी. इतनी बड़ी कि इसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया और बीएमसी ने कहा है कि वह 40X40 फीट से अधिक आकार के होर्डिंग की अनुमति नहीं देती है.
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