देश की सुरक्षा को और पुख्ता करने के लिए अब डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने 1.45 लाख करोड़ रुपये के 10 प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दे दी है. इन प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के बाद सेना कई अत्याधुनिक हथियारों को खरीदने और नए हथियारों को विकसित करने पर काम करेंगे.सेना अपने पुराने टैंकों को भी रिप्लेस करने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि सेना अब T-72 टैंकों की जगह 1700 फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल तैयार किए जा रहे हैं. भारत के इस नए टैंक से पाकिस्तान और चीन जैसे देशों की नींद उड़ी हुई है. इस टैंक को तैयार करने में 50 हजार करोड़ रुपये के करीब खर्च होंगे. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर यह नया टैंक किस तरह से भारतीय सेना को और मजबूत बनाएगा. चलिए जानते हैं कि आखिर किस तरह से ये टैंक बेहद खास होने वाला है...
आपको बता दें कि भारतीय सेना के लिए जो नया टैंक तैयार किया जा रहा है उसे फ्यूचर रेडी कॉम्बैट व्हीकल के नाम से जाना जाएगा. इस टैंक का डिजाइन बेहद खास होने वाला है. कहा जा रहा है कि इस टैंक को तैयार करते समय रूस और यूक्रेन वॉर में टैंकों और बख्तरबंद गाड़ियों की जो स्थिति हुई है उसे ध्यान में रखते हुए इसे बेहद नई तकनीक के इस्तेमाल के साथ बनाया जा रहा है.
चारों तरफ होगा कवच
इस टैंक के चारों तरफ एक ऐसा कवच होगा जो बारूदी सुरंग को भी झेल सके. ये टैंक इतना मजबूत होगा कि इसपर किसी रॉकेट का असर नहीं होगा. नई तकनीक के तहत इस टैंक में मॉड्यूलर ऑर्मर, नॉन-एक्सप्लोसिव रिएक्टिव ऑर्मर, एक्सप्लोसिव रिएक्टिव ऑर्मर जैसे हथियार भी लगें होंगे. ये टैंक इतना मजबूत होगा कि बारूद सुरंग को भी उखाड़ फेकेगा.
इंस्टैंट फायर डिटेक्शन से भी होगा लैस
इस टैंक के अंदर इंस्टैंट फायर डिटेक्शन एंड सप्रेशन सिस्टम भी लोगा होगा. इस सिस्टम का काम ये होगा कि ये आग लगने के 20 मिलिसेकेंड में एक्टीवेड हो जाएगा. इस नए टैंक के अंदर चार लोग एक साथ बैठ सकेंगे. इस टैंक में लेजर वॉर्निंग सिस्टम, डायरेक्शनल स्मोक डिस्पेंसर जैसी आधुनिक सुविधाएं भी होंगी. इस टैंक में ऐसे सिस्टम लगे होंगे जो एकॉस्टिक, विजुअल, इंफ्रारेड, थर्मल और इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरीके से पहचान करने वाली किसी भी प्रणाली को 50 फीसदी बेकार कर देंगे. इसके साथ-साथ ही इस टैंक में केमिकल, बॉयोलॉजिकल और परमाणु प्रोटेक्शन और वॉर्निंग सिस्टम लगे होंगे.
टैंक के अंदर 360 डिग्री देखने की सुविधा होगी
इस टैंक को ऐसे तैयार किया जा रहा है कि टैंक के अंदर बैठा शख्स 360 डिग्री देख पाएगा. इसका कमांड, कंट्रोल, कम्यूनिकेशन, कंप्यूटर्स और इंफॉर्मेशन सिस्टम इसे और बेहतरीन बना देगा. इसकी बरैल यानी नली 120 मिलिमीटर की होगी. इससे कई तरह के हथियार दागे जा सकेंगे. चाहे टारगेट कहीं रुका हो या फिर चल रहा हो.