फ्यूचर-अमेजन विवाद: मध्यस्थता कार्यवाही समाप्त करने की याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने की खारिज

दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंगापुर में अमेजन के साथ मध्यस्थता कार्यवाही के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. सिंगापुर ट्रिब्यूनल की कार्यवाही बुधवार को जारी रहेगी, क्योंकि हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की याचिका को रद्द कर दिया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंगापुर में अमेजन के साथ मध्यस्थता कार्यवाही के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है.
नई दिल्ली:

फ्यूचर-अमेजन विवाद में एक नया मोड़ आ गया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने आज फ्यूचर ग्रुप को झटका दे दिया. दिल्ली हाईकोर्ट ने सिंगापुर में अमेजन के साथ मध्यस्थता कार्यवाही के खिलाफ याचिका खारिज कर दी है. सिंगापुर ट्रिब्यूनल की कार्यवाही बुधवार को जारी रहेगी,  क्योंकि हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप की याचिका को रद्द कर दिया है. फ्यूचर ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के 18 दिसंबर के आदेश के मद्देनजर दिल्ली HC का रुख किया था. इसमें 2019 के अमेजन-फ्यूचर डील के लिए मंजूरी को निलंबित कर दिया था. CCI का फैसला था कि अमेजन द्वारा प्रासंगिक जानकारी का खुलासा नहीं किया गया था. लिहाजा CCI ने अमेजन पर ₹200 करोड़ का जुर्माना लगाया था, लेकिन उसने अमेजन को 17 फरवरी तक नए दस्तावेज दाखिल करने का समय दिया, जिसके बाद वह सौदे की अनुमति पर पुनर्विचार करेगा.

फ्यूचर ग्रुप ने पहले मामले की सुनवाई कर रहे सिंगापुर आर्बिट्रेशन ट्रिब्यूनल के समक्ष इसे समाप्त करने अनुरोध किया था, लेकिन ट्रिब्यूनल द्वारा तत्काल आधार पर अनुरोध को ठुकरा दिया गया. तब फ्यूचर ग्रुप ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की. सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी फ्यूचर ग्रुप की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में पेश हुए.

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रोहतगी ने तर्क दिया कि 2019 के सौदे के लिए CCI की मंजूरी के निलंबन के साथ, फ्यूचर के साथ अमेजन के निवेश सौदे को अमान्य कर दिया गया है और उससे उत्पन्न होने वाली मध्यस्थता की कार्यवाही खड़ी नहीं रह सकती है.

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रोहतगी ने CCI के आदेश के आलोक में मध्यस्थता की कार्यवाही को 'निरर्थक' और 'अप्रासंगिक' करार दिया. अमेजन के लिए वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रमण्यम पेश हुए और तर्क दिया कि कानून के अनुसार, मध्यस्थता खंड और समझौते मुख्य अनुबंधों से स्वतंत्र हैं. ये केवल इसलिए समाप्त नहीं होंगे क्योंकि एक नियामक मंजूरी निलंबित कर दी गई है.

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गोपाल सुब्रमण्यम ने ट्रिब्यूनल का बचाव करते हुए कहा कि ट्रिब्यूनल ने मध्यस्थता समाप्ति की अर्जी को खारिज नहीं किया, लेकिन निर्धारित मुख्य सुनवाई के बाद आवेदन पर सुनवाई  करने के लिए सहमत हो गया है.

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दिल्ली हाईकोर्ट में जस्टिस अमित बंसल की सिंगल जज पीठ ने सोमवार को मामले की सुनवाई की और लगभग तीन घंटे तक चली सुनवाई के बाद अपने आदेश सुरक्षित रख लिए थे. मंगलवार को हाईकोर्ट ने अपना आदेश सुनाया और फ्यूचर ग्रुप की याचिका खारिज कर दी.

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