भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक नीरव मोदी ब्रिटेन की कोर्ट में अपील हार गया है. सरकारी बैंकों के 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक लेकर भारत से भागे गुजरात के हीरा व्यवसायी नीरव मोदी को जल्द ही ब्रिटेन से भारत प्रत्यार्पित किया जा सकता है. 51 साल के नीरव मोदी ने पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी के मामले में मुकदमे का सामना करने के लिए भारत वापस भेजे जाने के खिलाफ अपील की थी.
नीरव मोदी आज लंदन उच्च न्यायालय में अपील हार गए. लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जे, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में अपील पर सुनवाई की, उन्होंने फैसला सुनाया, जिसने भगोड़े व्यवसायी के भारत प्रत्यर्पण की अनुमति दी.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, अदालत ने कहा, "...हम इस बात से संतुष्ट नहीं हैं कि नीरव मोदी की मानसिक स्थिति और आत्महत्या का जोखिम ऐसा है कि उन्हें प्रत्यर्पित करना अन्यायपूर्ण या दमनकारी होगा."
लंदन हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ 14 दिनों के भीतर नीरव मोदी ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है, लेकिन वह उच्चतम न्यायालय में तभी अपील कर सकता है जब उच्च न्यायालय सहमत हो कि उसके मामले में आम सार्वजनिक महत्व का कानून शामिल है.
नीरव मोदी को लंदन से मुंबई के आर्थर रोड जेल लाने की प्रक्रिया अभी बाकी है. उसके चाचा, मेहुल चोकसी, जिन्होंने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली है, उसपर भी पीएनबी को धोखा देने और भारतीय एजेंसियों द्वारा वांछित होने का आरोप है.