भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Fugitive businessman Mehul Choksi ) को भारत लाने की कोशिशें रंग लाती दिख रही हैं. एंटीगुआ से भागने के बाद डोमिनिका में पकड़े गए मेहुल चोकसी को भारत डिपोर्ट किए जाने की वकालत वहां की सरकार ने स्थानीय कोर्ट से की है. डोमिनिका सरकार (Dominica Government) ने कहा है कि नागरिकता के नया कानून भारत के संविधान के ऊपर नहीं हो सकता. दरअसल, मेहुल चोकसी को एंटीगुआ वापस भेजने या सीधे भारत निर्वासित करने को लेकर अहम सुनवाई डोमिनिका कोर्ट में होनी थी और इसी में डोमिनिका सरकार का यह रुख सामने आया. इससे उसे भारत लाने की संभावना प्रबल हो गई है.
एंटीगुआ की सरकार पहले ही कह चुकी है कि कानूनों का उल्लंघन करने वाले मेहुल चोकसी को भारत भेजा जाना चाहिए. एंटीगुआ सरकार उसे वापस नहीं लेना चाहती. डोमिनिका पुलिस पहले ही मेहुल चोकसी के उन आरोपों को खारिज कर चुकी है कि उसका अपहरण कर एंटीगुआ (Antigua) से डोमिनिका लाया गया है. उसे यातनाएं देने की बात भी पुलिस ने नकार दी है. पुलिस ने अपहरण के आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया है.
खबरों के मुताबिक, मेहुल चोकसी एंटीगुआ से डोमिनिका के रास्ता क्यूबा भागना चाहता था, ताकि भारत प्रत्यर्पित करने की कार्यवाही से वो बच सके. लेकिन उसका यह दांव उल्टा पड़ गया. मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 14हजार करोड़ रुपये का घोटाला करने का आरोपी है. डोमिनिका सरकार के वकीलों ने हाईकोर्ट को बताया कि 62 साल के चोकसी की दलील कतई उचित नहीं हैं और उसे नहीं सुना जाना चाहिए. भारत चोकसी को जल्द भारत लाने की कवायद में जुटा है. सरकार लगातार तर्क दे रही है कि चोकसी अभी भी भारत का नागरिक है, क्योंकि सरकार ने कभी उसकी नागरिकता को रद्द नहीं किया. सरकारी अधिकारियों ने NDTV को यह जानकारी दी है.
मेहुल चोकसी वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये इस सुनवाई में शामिल हुआ. चोकसी फिलहाल अभी अस्पताल में है औऱ उसकी चोटों का इलाज किया जा रहा है. जबकि उसके वकीलों जस्टिन सिमोन और जॉन कारिंगटन ने अदालत में कहा कि चोकसी को एंटीगुआ से अपहरण कर डोमिनिका लाया गया. अगर कोर्ट बचाव पक्ष की दलीलें स्वीकार कर लेती है तो उसे वापस एंटीगुआ भेजा जाएगा. जहां उसने नागरिकता प्राप्त की थी और भारत आने से बचने के लिए उसने ऐसा किया था.
सलाखों के पीछे भारत से भागा कारोबारी मेहुल चोकसी, नई तस्वीर आई सामने