सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में भी कोविड (Coronavirus) संक्रमण फैल चुका है. चार मौजूदा जज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के दो जज कोविड पॉजिटिव पाए गए थे. इनके अलावा रजिस्ट्री के करीब 150 कर्मचारी भी या तो पॉजिटिव हैं या फिर क्वारंटीन में हैं.
इस प्रकार, CJI समेत 32 जजों की कुल क्षमता वाले सुप्रीम कोर्ट की न्याय पीठ में चार यानी 12.5% पॉजिटिविटी रेट हो गया है. CJI जस्टिस एनवी रमना ने गुरुवार को ही सप्ताह में तीन दिन मामलों की शारीरिक तौर पर सुनवाई पर रोक लगा दी है.
एक मामले की सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा था कि, “अब 4-6 हफ्ते फिजिकल सुनवाई संभव नहीं है.” साथ ही दूसरी लहर की तरह जजों को अपने निवास कार्यालयों से वर्चुअल सुनवाई करने के लिए कहा. सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को जस्टिस आर सुभाष रेड्डी की विदाई पार्टी के दौरान एक जज, जिनको बुखार हुआ था, वो भी मौजूद रहे. बाद में उनका रिजल्ट कोविड पॉजिटिव आया.
इसके बाद गुरूवार को सीजेआई एनवी रमना और चार अन्य वरिष्ठ जजों ने हालात पर बैठक की. इस वजह से पहली पांच अदालतें आधा घंटा देरी से बैठीं. बैठक में फैसला लिया गया कि अब जज अदालत के बजाय अपने आवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई करेंगे और सिर्फ बहुत जरूरी मामले, ताजा मामले, जमानत मामले, स्टे से जुड़े मामले, नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामलों की सुनवाई 10 जनवरी से की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से इस मामले में जारी किए गए सर्कुलर के मुताबिक, 7 जनवरी, 2022 (शुक्रवार) से सभी मामलों की वर्चुअल मोड में सुनवाई होगी और बेंच आवासीय कार्यालयों में बैठेंगी. सर्कुलर के अनुसार, केवल अति आवश्यक 'मेंशन' मामले, ताजा मामले, जमानत मामले, स्टे से जुड़े मामले, नजरबंदी के मामले और निश्चित तारीख के मामले अदालत के समक्ष 10 जनवरी, से अगले आदेश तक सूचीबद्ध किए जाएंगे.
ट्रांसफर याचिकाओं को अगले आदेश तक सिंगल जज बेंच के बजाय रेगुलर बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा. सरेंडर से छूट के आवेदनों को भी अगले आदेश तक चेंबर न्यायाधीश के स्थान पर नियमित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध किया जाएगा.