बेंगलुरु की एक स्पेशल कोर्ट ने गुरुवार को भाजपा नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया. नाबालिग लड़की के कथित यौन उत्पीड़न से संबंधित पॉक्सो मामले में ये वारंट जारी किया गया है.
पॉक्सो मामलों के लिए फर्स्ट फास्ट ट्रैक कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की इस दलील पर विचार करते हुए वारंट जारी किया कि येदियुरप्पा पावरफुल व्यक्ति हैं. ऐसी जानकारी है कि इस समय वह दूसरे राज्य में हैं.
येदियुरप्पा ने मामले को दबाने की कोशिश की थी. शिकायतकर्ता को शिकायत वापस लेने के लिए दो लाख रुपये का लालच भी दिया था. अभियोजन पक्ष ने अदालत को यह भी बताया कि नोटिस जारी किए जाने के बाद भी येदियुरप्पा जांच के लिए उपस्थित नहीं हुए. आदेश के बाद, कर्नाटक पुलिस पॉक्सो मामले के सिलसिले में येदियुरप्पा को गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है.
इस बीच, येदियुरप्पा ने गुरुवार को मामले में अग्रिम जमानत के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया. उनकी याचिका पर अभी कोर्ट में सुनवाई होनी है.
येदियुरप्पा ने जांच पर रोक लगाने और मामले को रद्द करने के लिए भी याचिका दायर की है. अदालत याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई कर सकती है.
पीड़िता की मां ने इस साल मार्च में येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. आरोप लगाया गया था कि जब उनकी बेटी मदद मांगने के लिए पूर्व सीएम के आवास पर गई थी, तब उसका उत्पीड़न किया गया था. पीड़िता की मां की 26 मई को मौत हो चुकी है.
इस बीच, बुधवार को कर्नाटक हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर की गई. जिसमें मामले में येदियुरप्पा की गिरफ्तारी की मांग की गई. पीड़िता के भाई ने रिट याचिका दायर कर दावा किया कि पूर्व सीएम के खिलाफ शिकायत दर्ज होने के महीनों बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सरकार ने बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ अब कानूनी कार्रवाई शुरू करने का फैसला किया है. मामले में अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक अशोक एन. नायक को नियुक्त किया गया है.