विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रंगला 22 और 23 दिसंबर को दो दिन के दौरे पर म्यांमार में होंगे. वहां की मिलिट्री के सत्ता पर काबिज होने के बाद ये भारत की तरफ से पहला उच्च स्तरीय दौरा है. यहां पर वो प्रशासन परिषद, राजनीतिक दल और सिविल सोसाइटी के सदस्यों से मिलेंगे. म्यांमार को मानवीय मदद, सुरक्षा, सीमा को लेकर चिंताओं और वहां पर राजनीतिक स्थिति पर बात होगी. अभी एक ही दिन पहले वहां की एक मिलिटरी कोर्ट ने आंग सान सू ची के मामले में फ़ैसले को 27 दिसंबर तक टाला है.
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जानकारी के मुताबिक मणिपुर और नगालैंड में हाल में उग्रवादियों की गतिविधियां बढ़ना प्रमुख मुद्दों में शामिल है, जिन्हें सचिव श्रृंगला म्यांमार के अधिकारियों के साथ अपनी बैठक में उठाएंगे. म्यांमार के साथ भारत की 1,640 किमी लंबी सीमा लगी हुई है. उग्रवाद प्रभावित नगालैंड और मणिपुर सहित पूर्वोत्तर के कई राज्य म्यांमार से अपनी सीमा साझा करते हैं. पूर्वोत्तर क्षेत्र के कुछ उग्रवादी संगठनों के म्यांमार में शरण लेने को लेकर भारत चिंतित रहा है. (भाषा के इनपुट के साथ)
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