"जबरन जनसंख्या नियंत्रण लिंग असंतुलन पैदा कर सकता है" : विदेश मंत्री एस जयशंकर

यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूपीपी), 2022 का अनुमान है कि भारत 2023 तक 140 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins

जयशंकर ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर भी प्रकाश डाला.

गांधीनगर:

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को कहा कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि के कारण भारत की जनसंख्या में गिरावट आ रही है. गुजरात में एक कार्यक्रम में, उन्होंने अपनी पुस्तक, 'द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड' का गुजराती अनुवाद लॉन्च किया. इस दौरान उन्होंने भारत की जनसंख्या पर चर्चा की और कहा, "भारतीय जनसंख्या की वृद्धि दर गिर रही है. इसका कारण शिक्षा है, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि है. समय बीतने के साथ परिवार का आकार छोटा हो गया."

जयशंकर ने कहा, "जबरन जनसंख्या नियंत्रण के बहुत खतरनाक परिणाम हो सकते हैं, यह लैंगिक असंतुलन पैदा कर सकता है." आजादी के बाद से, भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में भारी बदलाव देखा है. यह जनसंख्या विस्फोट (जनगणना 1951) से गुजरा है और कुल प्रजनन दर में भी गिरावट देखी गई है.

ये भी पढ़ें- National Awards To Teachers 2022: प्रधानमंत्री 5 सितंबर को विजेताओं के साथ करेंगे बातचीत

यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (डब्ल्यूपीपी), 2022 का अनुमान है कि भारत 2023 तक 140 करोड़ की आबादी के साथ चीन को पीछे छोड़ते हुए सबसे अधिक आबादी वाला देश बन जाएगा. वर्तमान में भारत में विश्व की जनसंख्या का 17.5 प्रतिशत है. भारत में 2030 तक 150 करोड़ और 2050 तक 166 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है.

जयशंकर ने भारत की स्वतंत्र विदेश नीति पर भी प्रकाश डाला, जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के तहत बदल दिया गया है. उन्होंने कहा "कुछ राजनीतिक कारणों से, हमें खुद को इज़राइल के साथ संबंध बढ़ाने से प्रतिबंधित करना पड़ा। प्रधान मंत्री मोदी पहले भारतीय प्रधान मंत्री थे जो इज़राइल गए थे. वह समय चला गया जब हम वोट बैंक की राजनीति के लिए राष्ट्रीय हित को अलग रखते थे"

VIDEO: विपक्ष को एकजुट करने के प्रयास में जुटे CM नीतीश, दिल्ली में कई विपक्षी नेताओं से करेंगे मुलाकात