दिवाली के बाद सस्ता हो सकता है खाद्य तेल, ट्रेडर्स के स्टॉक पर लगाम के निर्देश

दिल्ली के थोक व्यापर मंडी में सरसों तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर पर बानी हुई है. खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को ट्रेडर्स पर स्टॉक लिमिट लगाने के निर्देश दिए हैं.

विज्ञापन
Read Time: 15 mins
नई दिल्‍ली:

खाने पीने (Edible Oils) के तेल की कीमत में गिरावट दिवाली सीजन के बाद ही संभव है. जब बाजार में इनकी डिमांड कम होने की उम्मीद है. दिल्ली के थोक व्यापर मंडी में सरसों तेल की कीमत 170 रुपये प्रति लीटर पर बानी हुई है. अब खाद्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वो बाजार में खाने-पीने के तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए ट्रेडर्स पर स्टॉक लिमिट लगाएं. तेल व्यापारी रविंद्र गुलाटी करीब 50 साल से दिल्ली के नया बाजार मंडी में खाने-पीने के तेल का व्यापर कर रहे हैं. वह कहते हैं कि दिल्ली के थोक व्यापार मंडी में सरसों तेल की कीमत 170 प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है. रिटेल बाजार में इसकी कीमत और ऊंची है. ब्रांडेड सरसों तेल 185 रुपये प्रति लीटर तक बिक रहा है. मंडी में सभी तरह के खाने-पीने के तेल महंगे रेट पर बने हुए हैं और इनकी कीमतों मे गिरावट दिवाली के बाद ही संभव है.  

त्योहारी सीजन के मद्देनजर खाद्य तेल की कीमतों को कम करने की कोशिश कर रहा केंद्र

रविंदर गुलाटी, एडिबल आयल ट्रेडर, नया बाजार ने एनडीटीवी से कहा, "सोयाबीन और पामोलिन ऑयल ज्यादातर विदेशों से आयात किया जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में महंगा हुआ है, इसलिए सरकार का इस पर कोई नियंत्रण नहीं हो सकता. सरसों पर एमएसपी काफी बढ़ाई गई है. इस वजह से किसानों की सरसों की फसल महंगी हो गई है और सरसों तेल बनाने वाली कंपनियों का इनपुट कॉस्ट बढ़ गया है. 

सोमवार को केंद्रीय खाद्य सचिव ने 23 राज्यों के सचिवों के साथ खाने-पीने के तेल की बढ़ती कीमतों से निपटने की रणनीति पर चर्चा की. उत्तर प्रदेश के अलावा 17 राज्यों ने बाजार में तेल की उपलब्धता बढ़ाने के लिए तेल पर स्टॉक लिमिट लगाने का फैसला किया है.

Advertisement

इस साल 50 फीसदी तक महंगा हुआ खाने का तेल, प्याज-टमाटर के दाम भी छू रहे आसमान

राहुल शर्मा, एडिबल आयल ट्रेडर, नया बाजार ने एनडीटीवी से कहा कि दिसंबर महीने से उत्तर प्रदेश से सरसों की नई फसल बाजार में पहुंचनी शुरू होगी. इससे बाजार में सरसों की उपलब्धता बढ़ेगी और इसकी कीमत भी घटेगी. साफ़ है, त्योहारों के सीजन में खाने-पीने के तेल की कीमतें ऊंची बानी रहेंगी.

Advertisement

सरकार के हस्तक्षेप के बाद भी खाने का तेल इतना महंगा क्यों?

Topics mentioned in this article