उत्तर प्रदेश में पहली बार  मिले COVID-19 के Kappa वैरिएंट के दो केस, एक मरीज की मौत 

जब राज्य में संक्रमण की दूसरी लहर कम होती दिख रही है, तब ऐसे वैरिएंट मिलने से राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है क्योंकि डेल्टा, अल्फा और कप्पा जैसे वेरिएंट अधिक संक्रामक होते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है क्योंकि राज्य हाल ही में लॉकडाउन प्रतिबंधों से बाहर आया है.

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कोविड-19 के डेल्टा, अल्फा और कप्पा जैसे वेरिएंट अधिक संक्रामक होते हैं. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कोविड-19 (Covid-19) के डेल्टा प्लस वैरिएंट के बाद अब कप्पा वैरिएंट (Kappa Variant) का पहली बार पता चला है. संत कबीरनगर में एक मरीज कप्पा वैरिएंट से पॉजिटिव पाया गया. 66 साल के इस मरीज की मौत हो चुकी है. यह मरीज जून में गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती था.

लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) अस्पताल में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए आए 109 सैंपल्स में से 107 में डेल्टा प्लस वैरिएंट की पुष्टि हुई है जबकि दो मामलों में कप्पा वैरिएंट की पुष्टि हुई है. 

जब राज्य में संक्रमण की दूसरी लहर कम होती दिख रही है, तब ऐसे वैरिएंट मिलने से राज्य सरकार की चिंता बढ़ गई है क्योंकि डेल्टा, अल्फा और कप्पा जैसे वेरिएंट अधिक संक्रामक होते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इसके बारे में सूचित कर दिया गया है क्योंकि राज्य हाल ही में लॉकडाउन प्रतिबंधों से बाहर आया है.

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जीनोम सिक्वेंसिंग प्रयोगशाला की एक प्रक्रिया है जो वायरस के म्यूटेंट को चिह्नित करने और रोग के प्रकोप को ट्रैक करने में सहायक होती है. वर्तमान में राज्य में डेली पॉजिटिविटी रेट 0.04 प्रतिशत है.

कप्पा वैरिएंट के बारे में पूछे जाने पर, अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने कहा कि पहले भी इस प्रकार के मामले राज्य में पाए गए थे. समाचार एजेंसी PTI ने प्रसाद के हवाले से कहा, "चिंता की कोई बात नहीं है. यह कोरोनावायरस का एक प्रकार है और इसका इलाज संभव है." 

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