वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का फर्स्‍ट लुक; कई मामलों में प्लेन से भी आगे, देखें- तस्वीरें

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन जहां अधिक तेज गति से चलेगी वहीं यह इसमें कई अत्याधुनिक सुविधाएं जोड़ी गई हैं, सेफ्टी के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री में तैयार की जा चुकी है.
नई दिल्ली:

देश की पहली वंदे भारत स्‍लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) सफर पर निकलने के ल‍िए तैयार है. यह ट्रेन चेन्‍नई की इंटीग्रल कोच फैक्‍ट्री में तैयार की जा चुकी है. कोच फैक्ट्री से वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की खास तस्वीरें सामने आ गई हैं. यह ट्रेन जहां अधिक तेज गति से चलेगी वहीं यह अधिक सुविधाजनक होगी. इसके अलावा इस ट्रेन में सेफ्टी पर बहुत ध्यान दिया गया है. इस ट्रेन में आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है. 

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का फर्स्‍ट लुक आ गया है. इस ट्रेन में अन्‍य ट्रेनों के मुकाबले बेहतर सिक्‍योरिटी सिस्‍टम है.

इस ट्रेन की बेस्‍ट कैटेगरी की डिजाइन है. टच करते ही दरवाजा खुलेगा, तो टायलेट में आपको कोई बटन दबाए बिना पानी मिलेगा. फ्लाइट से भी बेहतरीन सुविधाएं वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में मिलेंगी. 

इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ICF के जनरल मैनेजर यू सुब्बा राव ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की खास‍ियतें बताई हैं. 

यह 16 कोच वाली ट्रेन पूरी तरह एसी है. इसमें एक साथ 820 पैसेंजर सफर कर पाएंगे. 

इसकी स्‍पीड 160 क‍िलोमीटर प्रत‍ि घंटे तक पहुंच सकती है. यानी इसकी स्‍पीड राजधानी से भी काफी ज्‍यादा होगी. इस ट्रेन को बनाने पर 120 करोड़ रुपये की लागत आई है. 

ट्रेन का 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की स्‍पीड से दो महीने तक टेस्‍ट क‍िया जाएगा. इसके सिक्‍योरिटी फीचर्स की भी जांच की जाएगी.

इसमें इमरजेंसी ब्रेक सिस्‍टम लगाया गया है. इसका कंट्रोल काफी साइंटिफ‍िक तरीके से रखा गया है. इन सभी चीजों का परीक्षण क‍िया जाएगा

Advertisement

ट्रेन की टेस्टिंग का काम  15 नवंबर तक पूरा हो जाएगा. यह टेस्टिंग वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की लखनऊ आरडीएसओ और पश्चिमी रेलवे में किया जाएगा.

वंदे भारत स्‍लीपर ट्रेन में कई नई सुव‍िधाएं  हैं, जैसे सेंसर एक्‍ट‍िव इंटरकनेक्टिंग दरवाजे लगाए गए हैं. टच-फ्री बायो-वैक्यूम टॉयलेट और टॉक-बैक यूनिट लगाई गई हैं.

Advertisement

फर्स्ट क्लास कूपों में अपर बर्थ तक आसानी से पहुंचने के लिए सीढ़ियां और फ्लाइट-स्टाइल अटेंडेंट बटन होंगे. 

ट्रेन हादसों से बचाने के ल‍िए टक्‍कर रोधी प्रणाली ‘कवच' और एंटी-क्लाइम्बिंग टेक्‍नोलॉजी भी लगाई गई है. यह हादसे की स्‍थ‍िति में कोच को एक दूसरे के ऊपर चढ़ने नहीं देती है. इससे जोख‍िम काफी कम हो जाता है.

यह भी पढ़ें -

नई वंदे भारत ट्रेनों से लेकर सुपर ऐप तक...अगले 5 सालों में रेलवे का तेजी से होगा विस्तार: अश्विनी वैष्णव

Advertisement
Featured Video Of The Day
Election Results: जनता ने विकास के नाम पर वोट दिया, ये PM Modi के विजन की जीत है: Pushkar Dhami