मॉडल के बाल गलत काटने पर दो करोड़ का जुर्माने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. पंचतारा होटल आईटीसी मौर्या इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. फाइव स्टार होटल ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई चार मई को करने के लिए तैयार हो गया है. आईटीसी मौर्य पर दो करोड़ के जुर्माने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई अर्जी पर जल्द सुनवाई की मांग को सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के सामने उठाया गया. सीजेआई ने कहा कि 4 मई को मामले की सुनवाई करेंगे.
दरअसल, 2018 में ITC मौर्य होटल में एक मॉडल के गलत तरीके से बाल काटने को लेकर राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने 2021 मैं 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था. दिल्ली के आईटीसी मौर्य को ये आदेश मॉडल द्वारा शिकायत करने के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग ने दिया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है.
हालांकि, इस फैसले के खिलाफ होटल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद आयोग को पुनरीक्षण का आदेश दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के पुनरीक्षण आदेश पर अमल करने के बाद आयोग ने अपना ये आदेश बरकरार रखा है. आयोग ने सितंबर 2021 में पीड़ित मॉडल को दो करोड़ रुपये मुआवजा अदा करने का पहला आदेश दिया था.
इसके अलावा 2018 में जब ये घटना हुई थी, तब से भुगतान करने तक 9 फीसदी ब्याज देने का भी आदेश दिया गया. उस समय आयोग के आदेश को आईटीसी मौर्य ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. कोर्ट ने आयोग से इस आधार पर पुनर्विचार करने को कहा था कि शिकायतकर्ता के आरोपों के साथ होटल प्रबंधन का पक्ष भी सुना जाए और फिर फैसला किया जाए.
आरोप है कि मॉडल आशना रॉय अपने एक जॉब इंटरव्यू के लिए 12 अप्रैल 2018 को आईटीसी मौर्य के सलून में गई थी. इस दिन उनकी नियमित हेयर ड्रेसर ना होने पर दूसरी ड्रेसर ने उनके बाल काटे थे. मॉडल का आरोप है कि गलत बाल काटने से वो सदमे में चली गईं, उनकी शिकायत पर सलून प्रबंधन ने फ्री में ट्रीटमेंट की पेशकश की. हालांकि, उससे बाल और रूखे और बेरंग हो गए. मॉडल रॉय ने अपनी शिकायत के साथ-साथ आयोग और सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि शिकायत करने पर सलून का स्टाफ ने उनसे बदतमीजी की. ऐसी हालत में उनका इंटरव्यू का अवसर भी हाथ से निकल गया और वो जीवन का सबसे अहम अवसर से चूक गईं.
इस बात की शिकायत के साथ रॉय ने आईटीसी मौर्य होटल को लिखित माफी मांगने के साथ तीन करोड़ रुपए मुआवजा की मांग की और उपभोक्ता शिकायत निवारण आयोग पहुंच गई. आयोग में जस्टिस आरके अग्रवाल और डॉक्टर एसएम कांटिकर ने 2021 में दो करोड़ रुपये पर नौ फीसदी ब्याज अदा करने का आदेश मौर्य होटल को दिया था. होटल ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इसे चुनौती दी थी. कोर्ट ने आयोग से अपने आदेश पर पुनर्विचार करने को कहा, लेकिन अब आयोग को पुनर्विचार के दौरान भी आदेश में कोई खामी नहीं मिली.
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