अमित शाह की तस्वीर साझा करने के मामले में फिल्मकार अविनाश दास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

दास ने 17 मार्च को इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर और आठ मई को ट्विटर पर एक अन्य तस्वीर कथित तौर पर साझा की थी.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
फिल्मकार पर गृह मंत्री अमित शाह की छवि खराब करने का आरोप
अहमदाबाद:

यहां की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को मुंबई के फिल्मकार अविनाश दास द्वारा दायर एक अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया. दास पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की छवि खराब करने और राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने के लिए सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा करने का आरोप है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डी डी ठक्कर ने मई में शहर की साइबर अपराध शाखा द्वारा दर्ज प्राथमिकी के संबंध में दास की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी.

दास ने 17 मार्च को इंस्टाग्राम पर एक तस्वीर और आठ मई को ट्विटर पर एक अन्य तस्वीर कथित तौर पर साझा की थी. ट्विटर पर साझा की गई तस्वीर में केंद्रीय मंत्री शाह को गिरफ्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के साथ दिखाया गया है. अपराध शाखा ने दावा किया था कि दास ने इसे लोगों को गुमराह करने और मंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के इरादे से ट्वीट किया था.

दास के खिलाफ आईपीसी की धारा 469 (जालसाजी) और राष्ट्रीय सम्मान के अपमान की रोकथाम अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. दास की याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि शाह की तस्वीर को उन्हें बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने के इरादे से साझा किया गया था.

अहमदाबाद पुलिस ने दर्ज प्राथमिकी में दास पर अपने फेसबुक अकाउंट पर 17 मार्च को तिरंगा पहने एक महिला की छेड़छाड़ कर बनाई गई तस्वीर पोस्ट करके राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया था. अदालत ने कहा कि तिरंगा पहने एक महिला की तस्वीर साझा करना 'मानसिक विकृति' को दर्शाता है.

अदालत ने कहा कि एक फिल्मकार होने के नाते, देश की गरिमा को बनाए रखना और राष्ट्रीय ध्वज के साथ-साथ केंद्रीय गृह मंत्री का सम्मान करना याचिकाकर्ता का कर्तव्य है. दास के वकील ने दलील दी कि सिंघल के साथ शाह की तस्वीर एक वेब लिंक से ली गई थी और अन्य लोगों द्वारा प्रसारित की गई थी, न कि उनके मुवक्किल ने.

तिरंगा पहने एक महिला की तस्वीर के संबंध में, उन्होंने दलील दी कि यह अश्लील नहीं थी, जैसा कि दावा किया गया था. उन्होंने कहा कि जालसाजी के लिए आईपीसी की धारा 469 के तहत कोई मामला नहीं बनता है.

Advertisement

याचिका का विरोध करते हुए, लोक अभियोजक ने कहा कि आरोपी को अब तक तीन नोटिस जारी किए गए थे और उनकी पत्नी को भी नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने जांच में सहयोग नहीं किया. बम्बई उच्च न्यायालय ने हाल में दास की ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

झारखंड कैडर की आईएएस अधिकारी सिंघल को हाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन के मामले में गिरफ्तार किया था. दास ने स्वरा भास्कर, संजय मिश्रा और पंकज त्रिपाठी अभिनीत 2017 की फिल्म ‘अनारकली ऑफ आरा' का निर्देशन किया था.
 

Advertisement

ये भी पढ़ें-

ये भी देखें-सिद्धू मूसेवाला की समाधि पर आकर नम हो रही हैं प्रशंसकों की आंखें

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Waqf Law पर Supreme Court का बड़ा स्टेटमेंट | अगली सुनवाई तक क्या नहीं बदलेगा? | Waqf Amendment Case
Topics mentioned in this article