पांचवीं स्कॉर्पीन-क्लास मेड-इन-इंडिया पनडुब्बी 'वागीर' पहले समुद्री परीक्षण के लिए रवाना

पनडुब्बी को अपना नाम आईएनएस वागीर से मिला. रूस की वेला-श्रेणी की इस पनडुब्बी ने 1973 से 2001 तक नौसेना में सेवा की. वागीर का निर्माण जुलाई 2009 में शुरू हुआ था.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
इस पनडुब्बी को नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया था.
नई दिल्ली:

भारतीय नौसेना के कलवरी क्लास, प्रोजेक्ट 75 की पांचवीं पनडुब्बी-यार्ड 11879 ने 1 फरवरी 22 को अपना समुद्री परीक्षण शुरू किया. इस पनडुब्बी को नवंबर 2020 में मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) के कान्होजी आंग्रे वेट बेसिन से लॉन्च किया गया था. 
नौसेना में कमीशनिंग के बाद पनडुब्बी का नाम वागीर रखा जाएगा. कोविड महामारी के बावजूद, एमडीएल ने वर्ष 2021 में परियोजना की दो पनडुब्बियों की 'डिलीवरी' की है और पांचवीं पनडुब्बी का समुद्री परीक्षण शुरू करना एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है. पनडुब्बी अब प्रणोदन प्रणाली, हथियार और सेंसर सहित समुद्र में अपनी सभी प्रणालियों के गहन परीक्षणों से गुजरेगी. इन परीक्षणों के पूरा होने के बाद वर्ष 2022 में पनडुब्बी को भारतीय नौसेना को सौंपने का लक्ष्य रखा गया है.

पनडुब्बी आईएनएस वेला सेना में शामिल; नौसेना प्रमुख ने इसे 'शक्तिशाली मंच' बताया

एमडीएल में चल रहे प्रोजेक्ट-75 स्कॉर्पीन कार्यक्रम की दो पनडुब्बियों - कलवरी और खंडेरी - को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया है. तीसरी पनडुब्बी - करंज, कठोर समुद्री परीक्षण के अंतिम चरण में है. चौथी स्कॉर्पीन-वेला ने समुद्री परीक्षण शुरू कर दिया है, जबकि छठी और आखिरी पनडुब्बी-वाग्शीर तैयार की जा रही है.

नौसेना बेड़े में INS विशाखापट्टनम : 163 मी लंबाई और 7400 टन वजन, ब्रह्मोस समेत 75% स्वदेशी हथियारों से लैस

पनडुब्बी को अपना नाम आईएनएस वागीर से मिला. रूस की वेला-श्रेणी की इस पनडुब्बी ने 1973 से 2001 तक नौसेना में सेवा की. वागीर का निर्माण जुलाई 2009 में शुरू हुआ था. उन्नत ध्वनिक अवशोषण तकनीक से लेस इस पनडुब्बी को नवंबर 2020 में लॉन्च किया गया था. 

Video : स्कॉर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस वेला भारतीय नौसेना में हुई शामिल

Featured Video Of The Day
Pawan Singh-Jyoti Singh: Viral Video, आरोप और CCTV से सच्चाई की तलाश
Topics mentioned in this article