सौतेली बेटी से बार-बार किया रेप, सुप्रीम कोर्ट ने पिता की सजा को रखा बरकरार, जानें पूरा मामला

मामले की सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, हम सजा को घटाकर 10 वर्ष कर देते हैं और जुर्माने की राशि को दो लाख रुपये ही बरकरार रखते हैं."

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
जुर्माना न देने पर भुगतनी होगी अतिरिक्त सजा
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट ने एक व्यक्ति को अपनी सौतेली बेटी के साथ बार-बार बलात्कार करने के जुर्म में दी गई सजा को बरकरार रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति की दोषसिद्धि के संबंध में निचली अदालत और केरल उच्च न्यायालय के सुविचारित निष्कर्षों में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने दोषी सौतेले पिता की सजा को आजीवन कारावास से घटाकर दस साल कर दिया. जबकि उसपर लगाया गया दो लाख रुपये का जुर्माना बरकरार रखा. सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला इस बात को ध्यान में रखते हुए लिया कि सौतेले पिता की आयु 40 वर्ष से अधिक है. वह पहले ही आठ वर्ष से अधिक कारावास में काट चुका है.

एक वर्ष के अंदर भरनी होगी जुर्माने की राशि

अदालत अपने आदेश में कहा, "मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर विचार करने के बाद, हम सजा को घटाकर 10 वर्ष कर देते हैं और जुर्माने की राशि को दो लाख रुपये ही बरकरार रखते हैं. अपीलकर्ता को आज से एक वर्ष की अवधि के भीतर उक्त जुर्माने की राशि का भुगतान करना होगा."

सुनवाई के दौरान पीड़िता ने बताया कि उसके सौतेले पिता ने कई बार उसके बलात्कार किया था. उसके साथ जंगल में तथा उसके घर पर बलात्कार किया गया था.

ट्रायल कोर्ट और केरल उच्च न्यायालय दोनों ने आरोपी को भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 376 (बलात्कार के लिए दंड) के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया था. इस फैसले को चुनौती देते हुए दोषी पिता सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था. अपनी अपील में उसने ये तर्क भी दिया था कि उसके पास 2 लाख रुपये का जुर्माना भरने का साधन नहीं है, जो उस पर अतिरिक्त रूप से लगाया गया था. 

Advertisement

जुर्माना न देने पर भुगतनी होगी अतिरिक्त सजा

हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस राशि को कम करने से इनकार कर दिया और उसे एक साल के भीतर भुगतान करने का आदेश दिया. अदालत ने कहा, "यदि अपीलकर्ता द्वारा निर्धारित समय के भीतर जुर्माना राशि का भुगतान नहीं किया जाता है, तो अपीलकर्ता को एक वर्ष (दो वर्ष के सश्रम कारावास के स्थान पर) की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी".

Advertisement

ये भी पढ़ें- इंडिया बनेगा IA किंग, चिप का चैंपियन, TIME की लिस्ट बता रही अपना टाइम आ रहा

Advertisement
Featured Video Of The Day
Atishi On MCD: MCD के 12000 अस्थायी कर्मचारियों को किया जाएगा पक्का, आतिशी ने किया बड़ा ऐलान | AAP
Topics mentioned in this article