जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के अध्यक्ष पद से अगले महीने हटने की घोषणा की है. उन्होंने शुक्रवार को कहा कि अब नई पीढ़ी को जिम्मेदारी सौंपने का समय आ गया है. उम्मीद की जा रही है कि 85 वर्षीय अब्दुल्ला पार्टी संरक्षक बने रहेंगे और जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त होने के बाद संघ शासित प्रदेश में होने वाले पहले विधानसभा चुनावों में पार्टी का मार्गदर्शन करेंगे. हालांकि, चुनाव की तारीख अभी तक घोषित नहीं की गई है. अब्दुल्ला 2002 से अगले सात वर्षों को छोड़कर तकरीबन चार दशकों तक पार्टी का अध्यक्ष रहे हैं.
अटकलें हैं कि अब्दुल्ला के पद छोड़ने के बाद उनके बेटे एवं नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला इसके नए प्रमुख बन सकते हैं. उमर को 2002 में पार्टी अध्यक्ष चुना गया था और वह 2009 तक इस पद पर बने रहे. उसके बाद उन्होंने तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री का पद ग्रहण करने से पहले नेकां अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया था.
अब्दुल्ला ने पीटीआई-भाषा से कहा, "मैं अब अध्यक्ष पद के लिए चुनाव नहीं लड़ूंगा. इस पद के लिए चुनाव पांच दिसंबर को होगा. अब समय आ गया है कि नई पीढ़ी इस जिम्मेदारी को संभाले." लोकसभा के सदस्य अब्दुल्ला ने कहा, "पार्टी का कोई भी सदस्य इस पद के लिए चुनाव लड़ सकता है. यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया है." फारूक अब्दुल्ला पहली बार 1983 में नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष बने थे.
नेकां अध्यक्ष का पद छोड़ने के बावजूद फारूक अब्दुल्ला 'पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकर डिक्लरेशन (पीएजीडी)' के प्रमुख बने रहेंगे. यह पांच राजनीतिक दलों नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) भाकपा, माकपा और अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन है. अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया, "हां, मैं गठबंधन का नेतृत्व करता रहूंगा."
राज्य के सबसे पुराने राजनीतिक दलों में से एक नेकां ने ट्वीट करके बताया कि अब्दुल्ला ने अपने सहयोगियों को भी जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष पद से हटने के फैसले से अवगत करा दिया है.
नेकां के महासचिव अली मोहम्मद सागर ने पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए अधिसूचना जारी की है. उसके मुताबिक चुनाव पार्टी के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की जयंती पर होगा. इसके लिए नामांकन पत्र एक दिसंबर तक दाखिल किया जा सकेगा.