तीन कृषि कानूनों (News Farm Laws) के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों के विरोध-प्रदर्शन (Farmers Protest) को लेकर मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ( Governor Satya Pal Malik) ने केंद्र सरकार पर भी उठाए सवाल हैं. उन्होंने कहा कि बिना जाने समझे ही किसानों का सत्यनाश हो रहा है. गवर्नर यहीं तक नहीं रुके. उन्होंने कहा, "इस देश में किसान बुरे हाल में है. देश का किसान जब तक असंतुष्ट रहेगा, तब तक देश सर्वाइव नहीं करेगा." मलिक ने एमएसपी को कानूनी मान्यता देने की भी वकालत की. उन्होंने कहा, "मैं चाहता हूं ये मसला हल हो जाए और जहां तक जरूरत पड़ेगी वहां तक जाऊंगा."
उत्तर प्रदेश के अपने गृह जनपद बागपत पहुंचे राज्यपाल सत्यपाल मलिक की जुबां पर किसानों का दर्द छलक पड़ा. दरअसल, राज्यपाल मलिक बागपत के अमीनगर सराय कस्बे में एक अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे. वहां लोगों को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि किसानों के मसले पर उन्होंने पीएम और गृह मंत्री से भी बात की थी. बतौर मलिक उन्होंने किसानों को दिल्ली से खाली हाथ नहीं जाने देने और उन पर लाठीचार्ज नहीं कराने को कहा था.
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मलिक ने कहा, "राकेश टिकैत की गिरफ्तारी का शोर मचने पर रात में मैंने फोन करके उनकी गिरफ्तारी रुकवाई थी." उन्होंने कहा कि सिख सरदार किसी भी बात को 300 साल तक याद रखतें हैं. उन्होंने कहा, "मिसेज गांधी ने ब्लू स्टार करने के बाद अपने फार्म हाउस पर महामृत्युंजय पाठ कराया था. अरूण नेहरू ने बताया था कि इंदिरा जानती थीं कि अकाल तख्त तोड़ा है ये मुझे नहीं छोड़ेंगे."
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गवर्नर मलिक ने किसान आंदोलन और चुनावी घमासान के बीच ऐसा क्यों कहा और उनके इन बयानों के क्या मायने हैं इसको लेकर सियासी चर्चाएं शुरू हो चुकी हैं. उनके इस भाषण से सरकार की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं. बता दें कि सत्यपाल मलिक का एक साल में तीन बार तबादला हो चुका है. 30 सितंबर, 2017 को सत्यपाल मलिक को बिहार का राज्यपाल बनाया गया था लेकिन एक साल का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें 23 अगस्त 2018 को जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल बना दिया गया था. बाद में उन्हें 30 अक्टूबर 2019 को गोवा का राज्यपाल बनाया गया था, फिर तबादला कर मेघालय भेज दिया गया था.