Explainer: ईरान और इजरायल के बीच सीधे युद्ध के खतरे के बीच भारत का रुख

नई दिल्ली ने हालात को "मानवीय" त्रासदी बताते हुए कहा कि वह शत्रुता के बढ़ने से गंभीर रूप से चिंतित है, इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है.

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ईरान ने शनिवार को इजरायल पर ड्रोन हमले किए.

नई दिल्ली:

ईरान और इजरायल के बीच तनातनी को लेकर मुश्किल में फंसे भारत ने दोनों देशों को संयम बरतने की सलाह दी है. तेहरान की ओर से कल किए गए ड्रोन हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने आज सुबह कहा कि तनाव को "बातचीत और कूटनीति" के जरिए हल किया जाना चाहिए.

फिलिस्तीन के समर्थक ईरान ने हमास युद्ध के बीच कल देर शाम को इजरायल पर ड्रोन हमला किया. इजरायली सेना ने कहा कि 200 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलों, क्रूज मिसाइलों और हमलावर ड्रोनों में से अधिकांश को लैंडिंग से पहले ही इजरायल के सहयोगियों की मदद से रोक दिया गया. तेहरान ने कहा कि, इजरायल की ओर से दमिश्क में ईरान के राजनयिक मिशन को निशाना बनाए जाने के बाद  यह "आत्मरक्षा" की कार्रवाई थी.

नई दिल्ली ने हालात को "मानवीय" त्रासदी बताते हुए कहा कि वह शत्रुता के बढ़ने से गंभीर रूप से चिंतित है, इससे क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को खतरा है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि, "हम तत्काल तनाव कम करने, संयम बरतने, हिंसा से पीछे हटने और कूटनीति के रास्ते पर लौटने का आह्वान करते हैं. हम उभरती स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं... यह महत्वपूर्ण है कि क्षेत्र में सुरक्षा और स्थिरता बनी रहे." 

इजरायल की ओर से हमास के खिलाफ युद्ध शुरू किए जाने के बाद से ही क्षेत्र में तनाव बढ़ने की आशंका थी. पिछले सप्ताह भारत ने एक एडवाइजरी जारी करके अपने नागरिकों से ईरान या इजरायल की यात्रा न करने का आग्रह किया था और दोनों देशों में रहने वाले भारतीयों से "अत्यंत सावधानियां" बरतने को कहा था.

अब तनाव बढ़ गया है, और इन हालात में भारत उन दो देशों के बीच खड़ा है जिनके साथ इसके मजबूत संबंध हैं.

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इजरायल से भारत के प्रगाढ़ रिश्ते

इजरायल के साथ भारत के रणनीतिक संबंध हैं. इसके साथ उसने दशकों से रक्षा से लेकर टेक्नालॉजी तक कई क्षेत्रों में सहयोग किया है. एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद से दोनों देशों के संबंध और मजबूत हुए हैं. पीएम मोदी ने 2018 में इजरायल का दौरा किया था. इजरायली पीएम नेतन्याहू के साथ उनकी पर्सनल केमिस्ट्री काफी अच्छी है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और रूस के साथ-साथ इजरायल भी भारत को सबसे बड़ी रक्षा आपूर्ति करने वाले देशों में से एक है.

ईरान के साथ भारत के पुराने सकारात्मक रिश्ते हैं. यह देश भारत को तेल सप्लाई करने वाले प्रमुख देशों में से एक है.

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भारत की ईरान से नजदीकियां

ईरान पर उसके विवादास्पद न्यूक्लियर प्रोग्राम को लेकर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले भारत ईरान का दूसरा सबसे बड़ा तेल इम्पोर्टर था. चार साल से भारत ईरान से तेल नहीं खरीद सका है, लेकिन दोनों के बीच नजदीकियां बरकरार रही हैं. भारत और ईरान ने 2002 में एक रक्षा समझौता किया था. इस साल की शुरुआत में विदेश मंत्री एस जयशंकर ईरान की यात्रा पर गए थे. वहां भारत ने चाबहार बंदरगाह के निर्माण में निवेश किया है.

भारत हमास को आतंकवादी संगठन नहीं मानता है, लेकिन इजरायल पर हमास ने जिस तरह हमला किया, उसे आतंकवादी हमला माना गया. इजरायल का दौरा करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में इसे "आतंकवादी कृत्य" बताया था. इसके जरिए भारत ने साफ संदेश दिया कि वह आतंकवाद के खिलाफ इजराइल के साथ है.

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हालांकि भारत गाजा में मानवीय त्रासदी को लेकर भी आवाज उठाता रहा है. नई दिल्ली दो-राज्य समाधान की वकालत कर रही है, और फिलिस्तीनियों की मदद करना जारी रखे है.

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