कांग्रेस की नेता और वरिष्ठ सांसद कुमारी सैलजा को भरोसा है कि हरियाणा में इस बार कांग्रेस की सरकार बनेगी. उन्होंने NDTV से खास इंटरव्यू में कहा कि उनकी विधानसभा चुनाव लड़ने की इच्छा है. यह हाई कमान ही तय करेगा. जो फैसला करेंगे वह हमें मान्य होगा. हरियाणा में कांग्रेस की सरकार बनने पर मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि, ''देखिए संभावनाएं तो देश में हमेशा रहती हैं, लेकिन हाईकमान का ही फैसला होता है चुनाव के बाद..''
कुमारी सैलजा ने NDTV से कहा कि, ''कांग्रेस केवल मजबूत नहीं, काफी मजबूत स्थिति में है... और मुझे पूरा विश्वास है कि हम बहुत बढ़िया बहुमत से सरकार बनाएंगे.'' उन्होंने अपनी यात्राओं में मिले फीडबैक को लेकर कहा कि, ''फीडबैक यही है कि जमीन पर लोगों का एक उफान है और उनकी भी पूरी उम्मीद है कांग्रेस पार्टी से, क्योंकि विकल्प कांग्रेस पार्टी ही है.''
कुमारी सैलजा ने कहा कि, ''उनको (लोगों को) दिख रहा है कि भाजपा को दो बार आजमा चुके हैं और आज के दिन साफ नजर आ रहा है कि लोग भाजपा को नहीं कांग्रेस पार्टी को अपनी पहली पसंद मानते हैं.'' उन्होंने अपनी क्षेत्र की यात्राओं को लेकर कहा कि, ''यह तो हमेशा चलता है, यह नई बात नहीं है. ये हमेशा से होता आया है. कोई अपने क्षेत्र में, कोई अपने हिसाब से लेकिन जमीन पर जाकर कांग्रेस पार्टी के लिए काम करते हैं.''
दलित और कमजोर वर्ग को अनदेखा नहीं कर सकते
चुनाव में दलित वोट महत्वपूर्ण क्यों हैं? इस सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''दलित को आप इग्नोर नहीं कर सकते हैं. वैसे कांग्रेस पार्टी ने हमेशा 36 बिरादरी का साथ दिया भी है और लिया भी है... मैं कहूंगी कि जो कांग्रेस पार्टी की रीढ़ की हड्डी रहा है, न केवल हरियाणा में बल्कि देशभर में, वह है हमारा कमजोर वर्ग, दलित वर्ग और बाकी लोग. शुरू से ही कांग्रेस पार्टी ने ऐतिहासिक रूप से दलित वर्ग को उठाने का जो अभियान छेड़ा, इंदिरा जी के समय में उसके पहले आजादी के समय में... डॉक्टर आंबेडकर ने खासकर संविधान बनाने में.. उसके बाद से अब तक उम्मीद अगर दलित वर्ग रखता है तो वह कांग्रेस पार्टी से ही रखता है.''
उन्होंने कहा कि, ''आज के दिन जो हमारा मुख्य विपक्षी है, वह भाजपा है और जो भाजपा की विचारधारा है उसमें दलित वर्ग अपने आप को असुरक्षित महसूस करता है. सबकी निगाहें दलित वोट पर हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि दलित वर्ग कांग्रेस पार्टी के साथ ही रहेगा.''
मुख्यमंत्री का फैसला कांग्रेस हाई कमान करेगा
मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर कुमारी सैलजा ने कहा कि, ''देखिए संभावनाएं तो देश में हमेशा रहती हैं, लेकिन जो भी फैसला हो, कि कौन बनेगा, वह तो फिर हाईकमान का ही फैसला होता है चुनाव के बाद..''
चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''यह भी हाई कमान ही तय करेगा, आज के दिन हम अपना फैसला करेंगे तो ठीक नहीं है... यह उन्हीं का फैसला होगा कि राजनीतिक रूप से क्या ठीक लगता है, क्या संदेश देना है प्रदेश में, उसे देखते हुए हाईकमान फैसला करेगा. जो फैसला करेंगे वह हमें मान्य होगा. मैंने पहले ही कहा है कि हमारी इच्छा है कि हम चुनाव लड़ें.''
राजनीति में सबका अपना-अपना काम का तरीका
भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नहीं बनने के सवाल पर सैलजा ने कहा कि, ''बनती या नहीं बनती, राजनीति में यह चीज नहीं होती... राजनीति में सबका अपना-अपना काम करने का तरीका होता है, और हमारी पार्टी तो ऐसी पार्टी है, लोकतांत्रिक पार्टी है.. कोई बीजेपी या क्षेत्रीय पार्टी नहीं है... यहां सबके लिए जगह है और सबका मान सम्मान है. बाकी अपने-अपने विचार तो सब रख सकते हैं.''
उन्होंने कहा कि, ''जमीन पर वर्कर का ध्यान रखना, लोगों की उम्मीद पर खरा उतरना... यह हमारा सबसे बड़ा टेस्ट होता है. उस चीज का हमको ध्यान रखना पड़ेगा.''
गोकुल सेतिया के बारे में हाईकमान देखेगा
पंजाबी सिंगर सिद्धू मुसेवाला के मर्डर में मोस्ट वॉन्टेड गोल्डी बराड़ के नजदीकी गोकुल सेतिया कांग्रेस में शामिल
हो गए हैं. इस मुद्दे पर सैलजा ने कहा कि, ''इसको हाईकमान देखेगा कि उसमें कितना तथ्य है.. उसको हाई कमान देखेगा और देख रहा होगा.''
उन्होंने कहा कि, ''टिकट बंटवारे पर बात यह है कि जिसको 99 मिलेगा वह भी संतुष्ट नहीं होगा, इसलिए यह सब के ऊपर लागू होता है.'' उन्होंने कहा कि, ''संतुष्टि की बात नहीं है, बात यह है कि हमको देखना है कि हम लोगों में क्या राजनीतिक संदेश दे रहे हैं, जीतने की भी बात है.. किस तरह के लोग हैं.... तो बहुत सी बातें होती हैं बहुत से पहलू होते हैं इसके. हमारी स्क्रीनिंग कमेटी इसको देख रही है और इसके अलावा एक सब कमेटी बन गई है. जो सीटें रह गई हैं ... इन सब बातों को कैसे बैलेंस करना है, यह कमेटी देखेगी.''
गठबंधन को लेकर हर राज्य में अलग-अलग मामला
आम आदमी पार्टी से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''यह फैसला अगर एक स्तर पर होता है तो उस चीज को तो पार्टी में सबको मानना पड़ेगा. लेकिन जिस स्तर पर भी यह फैसला है, वो देखेंगे इन सब चीजों को. जो कमेटी बना दी गई है वह इन चीजों को देखने के लिए वो फैसला करेंगे कितनी सीटें मिलेगी यह तो वही फैसला करेंगे. जब गठबंधन की बात हुई थी तभी हाई कमान ने कह दिया था कि हर राज्य में अलग-अलग मामला होगा.''
विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया की उम्मीदवारी के सवाल पर उन्होंने कहा कि, ''चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसका फैसला तो पार्टी करेगी. लेकिन मुझे खुशी है कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी में, हमारे नेतृत्व में और कांग्रेस की विचारधारा में आस्था जताई है. इस बात की मुझे बेहद खुशी है. आगे टिकट का जो भी फैसला होगा वह तो अच्छा ही होगा.''
पहलवानों के आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि, ''संघर्ष तो बहुत किया.. ये केवल एक मेडल की बात नहीं है, संघर्ष तो सड़कों पर करना पड़ा, यह बहुत दुख की बात है. जिन खिलाड़ियों को अपनी तैयारी में लगना चाहिए उनको ऐसी स्थिति का सामना करना पड़ा. वे देश के लिए सब कुछ दे रहे हैं, उन्हें जमीन पर बैठना पड़ा और उनको क्या-क्या यातनाएं सहनी पड़ीं, इसके बावजूद यहां तक पहुंचे, बड़े बहादुर हैं ये लोग.''
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