जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' के जयकारों के बीच गुरुवार की सुबह उत्साहित तीर्थयात्रियों (Pilgrims) ने बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए हिमालय की चोटियों के बीच स्थित अमरनाथ गुफा (Amarnath Cave) की कठिन यात्रा शुरू की. नुनवान आधार शिविर से 2,750 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को पहलगाम-चंदनवाड़ी मार्ग की ओर रवाना किया गया है. अनंतनाग जिले के उपायुक्त पीयूष सिंगला ने पहलगाम में नुनवान आधार शिविर से तीर्थयात्रियों के जत्थे को बृहस्पतिवार सुबह हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. साधु, महिलाएं, बूढ़े, युवा और बच्चों सहित तीर्थयात्रियों का यह जत्था बुधवार को यहां पहुंचने के बाद आज सुबह की ठंडी हवा से तरोताजा होकर आधार शिविर के द्वार पर एकत्र हुआ.
सुबह की पहली किरण के साथ ही तीर्थयात्रियों में गजब का उत्साह देखने को मिला तथा 'बम बम भोले' और 'हर हर महादेव' के जयकारों के साथ सभी लोग भगवान शिव की भक्ति में लीन हो गए. इस मार्ग के जरिए तीर्थयात्रियों को पैदल चलकर अमरनाथ गुफा तक पहुंचने में तीन दिन का समय लगेगा. इस यात्रा के बीच में तीर्थयात्री शेषनाग और पंचतारिणी में रुककर रात्रि विश्राम भी करेंगे. तीर्थयात्रियों ने लगभग तीन वर्षों के अंतराल के बाद इस वर्ष अमरनाथ वार्षिक तीर्थयात्रा फिर से शुरू होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है. गौरतलब है कि वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधान को रद्द करने के बाद यात्रा बीच में ही स्थगित कर दी गई थी, जबकि वर्ष 2020 और 2021 में कोविड-19 वैश्विक महामारी की वजह से यात्रा का आयोजन नहीं किया गया था.
राजस्थान से आईं तीर्थयात्री रवीना चौधरी ने कहा, 'हम बहुत उत्साहित हैं, यह बहुत खुशी की बात है कि इस साल यात्रा हो रही है और हम बाबा बर्फानी के दर्शन कर सकेंगे.' रवीना ने कहा कि वह कश्मीर में पहली बार आई हैं और उनके परिवार को लगता है कि घाटी में इस समय माहौल बहुत अच्छा है. रवीना ने कहा, 'हम यहां पहली बार आए हैं. इतने अच्छे माहौल की हमने कभी उम्मीद नहीं की थी. हम बहुत खुश हैं. हम प्रार्थना करते हैं कि सब कुछ ठीक रहे, लोगों को कोई परेशानी न हो और कोई अप्रिय घटना न हो.”
पहली बार अमरनाथ यात्रा कर रहीं दिल्ली से आईं अवंतिका ने भी अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, 'यह मेरे लिए एक सपने के सच होने जैसा है. मैंने अपने रिश्तेदारों से यात्रा के बारे में सुना था, लेकिन इस यात्रा पर आने से मुझे बहुत खुशी मिली है.” एक अन्य तीर्थयात्री ने कहा, “मैं यहां कई बार आया हूं. हालांकि, यात्रा कठिन है, हमें उम्मीद है कि भोले बाबा हमारे साथ रहेंगे. मैं चाहता हूं कि भगवान सभी को सुरक्षित रखें और यहां स्थिति शांतिपूर्ण रहे.”
अधिकांश तीर्थयात्रियों ने श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड (एसएएसबी) और जम्मू-कश्मीर प्रशासन द्वारा यात्रा के लिए की गई व्यवस्था और व्यापक इंतजाम पर प्रसन्नता व्यक्त की. दिल्ली से आईं कविता ने कहा, 'यह खुशी का क्षण है. सभी इंतजाम और व्यवस्थाएं बहुत अच्छी हैं. हम संतुष्ट हैं और हमें कोई शिकायत नहीं है.' हालांकि, गुजरात के विजय कुमार जैसे कुछ लोगों ने कहा कि आधार शिविर में पंजीकरण से संबंधित व्यवस्थाएं उपयुक्त नहीं थीं.
वाहन से चलने वाले तीर्थयात्री नुनवान आधार शिविर से रवाना होने के बाद चंदनवाड़ी की ओर बढ़े, जहां से पैदल या टट्टू या 'पालकी' की यात्रा शुरू होती है. चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों की पहचान की पुष्टि और जांच होने के बाद नियंत्रण गेट के माध्यम से आगे जाने दिया गया. क्षेत्र के स्थानीय लोगों ने भी सुबह-सुबह चंदनवाड़ी में तीर्थयात्रियों की मदद की और उन्हें लकड़ी, टोपी, दस्ताने, रेनकोट आदि से बने ट्रेकिंग पोल जैसी चीजें प्रदान कीं.
कई स्थानीय लोगों ने तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न प्रकार के माल की बिक्री के लिए नुनवान आधार शिविर के अंदर स्टॉल भी लगाए हैं. यात्रा को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त किए गए हैं. तीर्थयात्रा शुरू होने से कुछ समय पहले सुरक्षाबलों ने मार्ग के किनारे एक बार फिर से सफाई की. किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचने के लिए सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया है और थोड़ी-थोड़ी दूरी पर नए बंकर बनाए गए हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए कि यात्रा में केवल वास्तविक तीर्थयात्री ही मौजूद हैं, एसएएसबी ने सभी तीर्थयात्रियों को आधार कार्ड या कोई अन्य बायोमेट्रिक सत्यापित दस्तावेज अपने साथ ले जाने के लिए कहा है. यात्रा के दोनों मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे और ड्रोन की मदद से निगरानी की जा रही है.
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