पीएफआई इस्लामिक आंदोलन खड़ा कर भारत में गृहयुद्ध शुरू करना चाहता था: प्रवर्तन निदेशालय

एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘पीएफआई का वास्तविक उद्देश्य जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी आंदोलन चलाने के लिए एक संगठन का गठन करना है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है.’’

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन ‘पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया' (पीएफआई) भारत में ‘‘जिहाद'' के जरिए इस्लामी आंदोलन खड़ा करने की कोशिश कर रहा है, जिसमें क्रूरता और दमन के विभिन्न तरीकों के अलावा अहिंसक हवाई हमले और ‘‘गुरिल्ला हमले'' भी शामिल हैं.

संघीय एजेंसी ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने 35 करोड़ रुपये से अधिक की नई संपत्तियां कुर्क की हैं, जो पीएफआई के ‘‘विभिन्न ट्रस्ट, कंपनियों और व्यक्तियों के नाम पर'' लाभकारी रूप से स्वामित्व वाली हैं.

ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों द्वारा इसके पदाधिकारियों और प्रतिष्ठानों के खिलाफ देशव्यापी छापेमारी के बाद सितंबर, 2022 में केंद्र ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था.

ईडी ने आरोप लगाया कि 2006 में केरल में गठित लेकिन दिल्ली में मुख्यालय वाले पीएफआई के वास्तविक उद्देश्य इसके संविधान में बताए गए उद्देश्यों से ‘‘अलग'' हैं. एजेंसी ने आरोप लगाया, ‘‘पीएफआई का वास्तविक उद्देश्य जिहाद के माध्यम से भारत में इस्लामी आंदोलन चलाने के लिए एक संगठन का गठन करना है, हालांकि पीएफआई खुद को एक सामाजिक आंदोलन के रूप में पेश करता है.''

इसने कहा, ‘‘पीएफआई ने विरोध के अहिंसक तरीकों का इस्तेमाल करने का दावा किया है लेकिन साक्ष्यों से पता चलता है कि उसके द्वारा अपनाए गए विरोध के तरीके हिंसक प्रकृति के हैं.'' एजेंसी ने संगठन द्वारा समाज में अशांति और संघर्ष पैदा करके ‘‘गृहयुद्ध'' की तैयारी के लिए इस्तेमाल किए गए विरोध के कुछ तरीकों का वर्णन किया है.

इसने आरोप लगाया गया है कि पीएफआई ने क्रूरता और दमन के कुछ तरीकों का इस्तेमाल किया. एजेंसी ने कहा कि पीएफआई ने देश की एकता और संप्रभुता को ‘‘कमजोर'' करने के लिए कानूनों का उल्लंघन किया, दोहरी संप्रभुता (एक से अधिक संप्रभुता रखने) का प्रस्ताव रखा, समानांतर सरकारें बनाईं और गुप्त एजेंटों की पहचान का खुलासा किया.

Advertisement

ईडी के अनुसार, यह संगठन अपने सदस्यों को लात, घूंसे तथा चाकू, लाठी, दरांती और तलवार जैसे हथियारों का प्रयोग कर हमले करने के लिए ‘‘गहन'' हिंसक प्रशिक्षण दे रहा था.

पीएफआई पर फरवरी, 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हिंसा भड़काने और उपद्रव फैलाने में सक्रिय रूप से शामिल होने का भी आरोप लगाया गया है. यह भी आरोप लगाया गया है कि पीएफआई और सीएफआई (कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, पीएफआई की छात्र शाखा) के सदस्यों ने सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने, सांप्रदायिक दंगे भड़काने और आतंक फैलाने के इरादे से कुछ साल पहले उत्तर प्रदेश के हाथरस का दौरा किया था.

Advertisement

ईडी ने आरोप लगाया है कि पीएफआई ने भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को कमजोर करने तथा सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के इरादे से महत्वपूर्ण और संवेदनशील स्थानों और व्यक्तियों पर हमले करने के लिए घातक हथियार और विस्फोटक उपकरण एकत्र करके एक ‘‘आतंकवादी गिरोह'' बनाने की साजिश बनाई थी.

संगठन पर 12 जुलाई, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति पैदा करने के इरादे से एक प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को नुकसान पहुंचाने वाले साहित्य छापने का आरोप लगाया गया है. यह आरोप लगाया गया है कि पीएफआई ने देशभर में आतंकवादी कृत्यों को अंजाम देने और वित्तपोषण करने के लिए बैंकिंग चैनलों, हवाला, दान आदि के माध्यम से देश और विदेश से धन जुटाने की साजिश रची.

Advertisement

ईडी ने कहा, ‘‘पीएफआई के सिंगापुर और खाड़ी देशों में 13,000 से अधिक सक्रिय सदस्य हैं जिनमें कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) शामिल हैं.'' एजेंसी ने कहा कि उसने अपनी जांच के तहत कुल 61.72 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त की है, 26 पीएफआई सदस्यों को गिरफ्तार किया है और नौ आरोपपत्र दायर किए हैं.
 

Featured Video Of The Day
Delhi Air Pollution: Delhi Metro के बाहर मास्क बांट रहे हैं BJP नेता
Topics mentioned in this article