कुंभ के दौरान कोविड लैब्स द्वारा धोखाधड़ी के कारण पॉजिटिविटी रेट में हुआ बड़ा अंतर: ED

उत्तराखंड में कुंभ के दौरान फर्जी कोरोना टेस्ट के मामले में पुलिस द्वारा केस दर्ज किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की.

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कुंभ के दौरान कोविड लैब्स द्वारा धोखाधड़ी के कारण पॉजिटिविटी रेट में हुआ बड़ा अंतर: ED
कुंभ के दौरान कोविड टेस्ट को लेकर हुए फर्जीवाड़े में ED ने की छापेमारी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उत्तराखंड के हरिद्वार में हाल में आयोजित कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड जांच को लेकर धनशोधन जांच के सिलसिले में शुक्रवार को कई छापे मारे. एजेंसी ने एक बयान में बताया कि नोवस पाथ लैब्स, डीएनए लैब्स, मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज, डॉ लाल चांदनी लैब्स प्राइवेट लिमिटेड और नलवा लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालयों और देहरादून, हरिद्वार, दिल्ली, नोएडा और हिसार में उनके निदेशकों के आवासीय परिसरों में भी छापेमारी की गई. ईडी ने कहा कि उसने छापेमारी के दौरान ‘‘आपत्तिजनक दस्तावेज, फर्जी बिल, लैपटॉप, मोबाइल फोन और संपत्ति के दस्तावेज और 30.9 लाख रुपये नकद'' जब्त किए हैं.

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एजेंसी ने हाल में आरोपी कंपनियों और उनके निदेशकों के खिलाफ उत्तराखंड पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है. इसके बाद छापेमारी की गई. ईडी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं को उत्तराखंड सरकार ने कुंभ मेले के दौरान कोरोना वायरस के लिए तेजी से एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच करने का ठेका दिया था. एजेंसी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं ने शायद कोविड-19 की कोई जांच की हो और जांच के लिए ‘‘फर्जी प्रविष्टियां'' कीं और अवैध वित्तीय लाभ अर्जित करने के लिए ‘‘फर्जी'' बिल बनाये.

ईडी ने कहा, ‘‘उन्हें (प्रयोगशालाओं) उत्तराखंड सरकार से आंशिक भुगतान के रूप में 3.4 करोड़ रुपये पहले ही मिल चुके हैं.'' एजेंसी ने कहा कि उसकी जांच में पाया गया कि ‘‘इन प्रयोगशालाओं द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली कार्यप्रणाली यह थी कि उन्होंने बिना कोरोना वायरस जांच की बढ़ी हुई संख्या दिखाने के लिए एकल मोबाइल नंबर या झूठे मोबाइल नंबर, एकल पते या एक ही नमूना रेफरल फॉर्म (एसआरएफ) का इस्तेमाल किया.'' एजेंसी ने दावा किया, ‘‘हरिद्वार में कुंभ मेले में कभी नहीं जाने वाले लोगों के नाम पर जांच किए जाने का दावा किया गया था.''

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ईडी ने कहा कि इन प्रयोगशालाओं द्वारा झूठी नकारात्मक जांच के कारण, उस समय हरिद्वार में संक्रमण दर वास्तविक 5.3 प्रतिशत के मुकाबले 0.18 प्रतिशत थी. दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक, कुंभ एक अप्रैल से 30 अप्रैल तक राज्य में आयोजित किया गया था.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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