पुणे लोकसभा सीट पर उप चुनाव कराने के आदेश के खिलाफ चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा

चुनाव आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के तुरंत उपचुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की, कहा- 2024 लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है, इसलिए अब उपचुनाव कराने का कोई फायदा नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
प्रतीकात्मक तस्वीर.
Quick Reads
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
बीजेपी नेता गिरीश बापट के निधन के बाद पुणे सीट मार्च 2023 से खाली
हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को पुणे में तुंरत उप चुनाव कराने का निर्देश दिया था
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जनवरी 2024 में होने की उम्मीद
नई दिल्ली:

पुणे लोकसभा सीट पर उप चुनाव के मामले में चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है. आयोग ने बॉम्बे हाईकोर्ट के तुरंत उपचुनाव कराने के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. चुनाव आयोग ने कहा है कि 2024 लोकसभा चुनाव में कुछ ही समय बचा है, इसलिए अब उपचुनाव कराने का कोई फायदा नहीं है.  

बॉम्बे हाईकोर्ट ने 14 दिसंबर को केंद्रीय चुनाव आयोग (ECI) को पुणे लोकसभा सीट पर तुंरत उप चुनाव कराने का निर्देश दिया था. साल 2019 के चुनाव में यहां से जीते बीजेपी नेता गिरीश बापट के निधन के बाद यह सीट मार्च, 2023 से खाली है. 

आयोग की तरफ से चुनाव नहीं कराने की दलीलें देने पर हाईकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की. कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि किसी भी क्षेत्र के लोगों को लंबे समय तक बिना प्रतिनिधितत्व के नहीं रखा जा सकता है, ऐसी स्थिति में चुनाव आयोग जल्द से जल्द से चुनाव कराने की दिशा में कदम उठाए.

सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस कमल खाता और जस्टिस गौतम पटेल ने कहा कि आयोग की तरफ से दी गई दलीलें अनुचित और अजीब हैं. पुणे लोकसभा सीट पर चुनाव नहीं करवाना संवैधानिक दायित्वों से मुंह मोड़ने जैसा है. 

हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ अब चुनाव आयोग सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है. इस मामले में जनवरी 2024 में सुनवाई की उम्मीद है.

Featured Video Of The Day
India Pakistan Ceasefire: Trump का आतंक पर अपनाया रुख भारत को क्यों है नागवार? | Khabron Ki Khabar