आखिर क्या है RVM ? जानिए विपक्ष क्यों उठा रहा सवाल ?

चुनाव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए चुनाव आयोग एक नया प्रयोग करने जा रहा है. चुनाव आयोग प्रवासी कामगारों के लिए रिमोट वोटिंग मशीन शुरू करने जा रहा है ताकि वो वोट कर सकें. हालांकि, विपक्ष इसका विरोध कर रहा है.

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नई दिल्ली:

प्रवासी के वोटिंग को लेकर चुनाव आयोग नया प्रयोग लेकर आया है. इसके लिए चुनाव आयोग रिमोट वोटिंग मशीन(RVM) पर काम कर रहा है. रिमोट वोटिंग मशीन को लेकर चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों को बुलाया है. हालांकि, विपक्ष इसके विरोध में है. रिमोट वोटिंग मशीन के इस्तेमाल के लिए कानून में जरूरी बदलाव जैसे मुद्दों को लेकर राजनीतिक पार्टियों से राय देने को भी कहा गया है.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि अधिकतर विपक्षी दलों ने रिमोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन पर निर्वाचन आयोग के प्रस्ताव का विरोध करने का फैसला किया है, क्योंकि यह अधूरा है और पूर्ण नहीं है.

चुनाव आयोग के मुताबिक, रिमोट वोटिंग मशीन अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रहने वाले मतदाताओं को वोट करने के लिए प्रेरित करेगी. चुनाव आयोग ने बताया कि मतदान में कमी के पीछे बड़े कारणों में से एक घरेलू प्रवासियों का मतदान न कर पाना भी है. अगर अपने निर्वाचन क्षेत्र से दूर रह रहे मतदाताओं को इस तरह की सुविधा मिलेगी.

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उदाहरण के तौर पर अगर कोई मतदाता बिहार में पैदा हुआ है और किसी कारण से मुंबई या किसी अन्य जगह रह रहा है. इस स्थिति में वो मतदाता वोट नहीं कर पाता है. आरवीएम की मदद से ऐसे मतदाताओं को भी वोटिंग का अधिकार दिया जाएगा. ईवीएम की तरह ही आरवीएम के लिए किसी तरह के इंटरनेट या कनेक्टिविटी की जरूरत नहीं होती है.

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मतदान खत्म होने के बाद यह मशीन चुनावी राज्य में वोट गिनती के लिए चला जाएगा. हालांकि, अभी चुनाव आयोग की ओर से कई सावालों का जबाव आना है. इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की ओर से बनाई गई है. इस रिमोट वोटिंग मशीन में एक साथ 72 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए मतदान करवाया जा सकता है.

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पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि चुनाव आयोग की ओर हर सवालों का जवाब दिया जाएगा. चुनाव आयोग की ओर से एक डेमो रखा गया था. राजनीतिक पार्टियों के विरोध में जाकर चुनाव आयोग को जबरदस्ती नहीं थोपना चाहिए. प्रवासी वोटर आयोग के एक चुनौती है. लोगों को वोटिंग का अधिकार मिलना चाहिए. आयोग को सभी पार्टियों से बात करना चाहिए. 2 जगह लोगों का वोटिंग लिस्ट में नाम नहीं होना चाहिए. लेकिन सवाल यह है कि वोटर क्या चाहता है. उदाहरण के लिए, अगर दिल्ली में आकर लोग बस जाते हैं और उसे अपने राज्य में वोटिंग का अधिकार मिला तो स्थानीय सरकार उसपर ध्यान नहीं देगी.

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