देश के लिए रूस-यूक्रेन युद्ध लेकर आया बड़ा अवसर , मिस्र ने भारत को गेहूं आपूर्तिकर्ता के तौर पर दी मंजूरी

अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ रही है और मिस्र सरकार के फैसले से भारत से गेहूं निर्यातकों के लिए एक नया और बड़ा बाज़ार खुल गया है.

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

केंद्र सरकार ने भारत से गेहूं के निर्यात को मंज़ूरी दे दी है. खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को ट्वीट करके ये जानकारी दी. दरअसल यूक्रेन-रूस युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की उपलब्धता पर बुरा असर पड़ा है क्योंकि इन दोनों देशों का गेहूं के वैश्विक निर्यात में हिस्‍सेदारी 29% की है. इस वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ रही है और मिस्र सरकार के फैसले से भारत से गेहूं निर्यातकों के लिए एक नया और बड़ा बाज़ार खुल गया है.रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से अंतराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं की बढ़ती मांग के बीच पंजाब और दूसरे बड़े गेहूं उत्पादक राज्यों में निजी खरीददारों ने न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (MSP) से ऊंचीची दरों पर गेहूं खरीदना शुरू कर दिया है.

दरअसल किसानों से ऊंची दरों पर गेहूं की खरीद ऐसे वक्त पर हो रही है जब अंतराष्ट्रीय खाद्य बाजार में भारतीय गेहूं की मांग बढ़ रही है. शुक्रवार को खबर आइ कि मिस्र सरकार ने भारत से गेहूं के आयात को मंज़ूरी दे दी है. खाद्य मंत्री पियूष गोयल ने ट्वीट करके सबसे पहले ये जानकारी दी.केंद्रीय मंत्री गोयल ने कहा, "मिस्र ने भारत को गेहूं सप्लायर के रूप में मंजूरी दी. मोदी सरकार ने ऐसे समय पर स्टेप इन किया है जब स्थिर खाद्य आपूर्ति के लिए विश्व विश्वसनीय वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रहा है. हमारे किसानों ने सुनिश्चित किया है कि हमारे अन्न भंडार अतिप्रवाहित हों और हम दुनिया की सेवा के लिए तैयार हैं."

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अमेरिका सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ़ एग्रीकल्चर के रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में कुल अंतराष्ट्रीय गेहूं निर्यात में रूस और यूक्रेन की हिस्सेदारी 29% थी, लेकिन दोनों के बीच युद्ध की वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में गेहूं की सप्लाई बाधित हुई है और सप्लाई की कमी की वजह से भारतीय गेहूं की मांग बढ़ती जा रही है. मिस्र सरकार द्वारा भारत को गेहूं सप्लाई की मंजूरी देने के बाद भारत के गेहूं निर्यातकों के लिए बाजार और बड़ा हो गया है. पिछले ही हफ्ते केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने NDTV से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा था, "भारत में गेहूं की उपलब्धता पर्याप्त है, वर्तमान परिस्थिति में अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की जो आवश्यकता है उसे पूरा करने के लिए भारत पूरी तरह से तैयार है और तत्पर भी है."

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