"डराने वाली रणनीति": एडिटर्स गिल्ड ने पत्रकारों के "उत्पीड़न" की निंदा की

‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया’ ने एक बयान में दावा किया कि ईरानी ने 9 जून को अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी की यात्रा के दौरान एक पत्रकार को डराया-धमकाया था और उस हिंदी दैनिक के मालिकों को फोन करने की भी धमकी दी थी. जिसके लिए वह काम कर रहे थे.

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नई दिल्ली:

‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया' ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और केरल में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नीत सरकार द्वारा पत्रकारों को कथित तौर पर डराने-धमकाने और उनका उत्पीड़न करने पर मंगलवार को चिंता जताई. गिल्ड ने यहां एक बयान में दावा किया कि ईरानी ने नौ जून को अपने लोकसभा क्षेत्र अमेठी की यात्रा के दौरान एक पत्रकार को डराया-धमकाया था और उस हिंदी दैनिक के मालिकों को फोन करने की भी धमकी दी, जिसके लिए वह काम कर रहे थे.

एक अन्य घटना में 10 जून को केरल में एक वरिष्ठ महिला पत्रकार को सत्तारूढ़ माकपा की छात्र शाखा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) द्वारा दायर एक शिकायत के जवाब में राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में आरोपी के रूप में नामित किया गया था. गिल्ड ने एक बयान में कहा कि ये घटनाएं पत्रकारों और फोटो पत्रकारों के लिए परेशान करने वाली है और प्रेस की स्वतंत्रता के लिए खतरा है.

गिल्ड ने कहा, ‘‘अखबारों के मालिकों को बुलाने की मंत्री की धमकी और पत्रकारों से सवाल करना उनका अपमान है, यह स्पष्ट रूप से डराने वाली रणनीति थी.'' इसने समाचार पत्रों से इस मामले के सिलसिले में बर्खास्त पत्रकार को बहाल करने का भी आग्रह किया. गिल्ड ने केरल में माकपा सरकार से महिला पत्रकार के खिलाफ मामले को तत्काल प्रभाव से वापस लेने का आग्रह किया. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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